इंडेक्स फंड और ईटीएफ में कौन है बेहतर? [Index Fund vs ETF]

जहां पर passive investing की बात आती है वहां पर सबसे पहले नाम आता है इंडेक्स म्युचुअल फंड और ईटीएफ यानि exchange traded funds का।

यहां पर जो भी इंडेक्स फंड या फिर ईटीएफ होंगे वह एक तरह से किसी खास बेंचमार्क इंडेक्स की कॉपी रहते हैं।

यह बेंचमार्क इंडेक्स चाहे तो निफ्टी हो सकता है, सेंसेक्स हो सकता है या फिर कोई और इंडेक्स हो सकता है |

पर यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है कि रिटर्न्स के मामले में इन पैसिव फंड्स का रिटर्न काफी कुछ उस इंडेक्स के समान ही होगा।

अगर बात हो रही है पैसिव इन्वेस्टिंग की तो आपको बताते चलें कि किसी भी फंड के लिए पैसिव इन्वेस्टिंग का मतलब है बेंचमार्क इंडेक्स के रिटर्न को ट्रैक करना ना कि उसे बीट करके अधिक रिटर्न्स देना।

आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि इंडेक्स फंड और ईटीएफ में क्या अंतर है और इन दोनों में से किस में इन्वेस्ट करना सही है।

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इंडेक्स फंड और ईटीएफ में क्या है बेहतर | Index Fund vs ETF

आइये जानते हैं कि Index Fund vs ETF की जंग में कौन जीतता है और आपको इन दोनों में से किस में निवेश करना चाहिए।

1. ट्रेडिंग – इंडेक्स फंड vs ईटीएफ

ईटीएफ और इंडेक्स फंड में सबसे बड़ा अंतर यह है कि जहां एक ओर इंडेक्स म्युचुअल फंड बाजार पर ट्रेड नहीं होते हैं वही ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं।

ट्रेडिंग का फायदा यह है कि जब भी आपका मन करें आप अपना इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं और आपका निवेश करें बाजार भाव पर हो जाएगा।

2. इंडेक्स फंड या ईटीएफ में न्यूनतम निवेश राशि 

अगर आप किसी ETF में अपनी पोजीशन बनाना चाहते हैं तो आपके लिए कोई मिनिमम अमाउंट यानी न्यूनतम राशि जैसा कुछ नहीं है जैसा कि आमतौर पर एक इंडेक्स म्युचुअल फंड में होता है।

किसी भी ईटीएफ को आप कितनी भी क्वांटिटी में चाहे तो buy कर सकते हैं |

आप चाहे तो एक etf यूनिट खरीदें या फिर 1000 यह आपके ऊपर निर्भर करता है और तत्काल बाजार भाव से आप उसे खरीद सकते हैं।

अब अगर अब आप एक इंडेक्स फंड की बात करें जैसे मान लें एचडीएफसी इंडेक्स निफ्टी 50 फंड तो इसके लिए आपको मिनिमम ₹5000 से इन्वेस्टमेंट को स्टार्ट करना होगा|

उसके बाद भी अगर आप आगे निवेश करना चाहते हैं तो फिर मिनिमम ₹1000 लगाना पड़ेगा |

3. NAV अपडेट 

किसी भी इंडेक्स फंड का जो NAV होता है वह दिन के अंत में ही पता चलता है।

इसे होगा क्या कि मान लें अगर आपको कोई इंडेक्स फंड में इन्वेस्ट करना है और आपने देखा कि आज मार्केट तो डाउन है |

अगर आप आज इन्वेस्ट कर दें तो हो सकता है कि आपको आज के बाजार भाव पर आपका इन्वेस्टमेंट ना हो क्योंकि जो भी आपका ऑर्डर एग्जीक्यूट होगा वह अगले दिन के NAV पर होगा।

वहीं अगर ETF की बात करें तो उसकी प्राइस रियल टाइम पर अपडेट होती है क्योंकि वह एक स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करता है तो इसके लिए उसे किसी भी समय खरीदना या बेचना बेहतर रहता है।

4. इंडेक्स फंड और ईटीएफ की लिक्विडिटी 

अगर बात करें लिक्विडिटी या वॉल्यूम के बारे में तो आप देखेंगे कि इंडेक्स फंड में लिक्विडिटी का कोई झंझट ही नहीं है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि इंडेक्स फंड को खरीदने या बेचने के लिए आपको खुद जाकर के खरीददार या फिर बेचने वाले की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है और सीधा आपको केवल एएमसी (AMC) से ही संपर्क करना पड़ता है।

वहीं अगर आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स लिक्विडिटी की बात करें तो आप देखेंगे कि लिक्विडिटी इसके प्राइस पर काफी असर डालती हैं और काफी सारे ईटीएफ में लिक्विडिटी की समस्या रहती है ।

ऐसा इसलिए है क्योंकि हाल फिलहाल में भी कुछ ईटीएफ का ट्रेडिंग वॉल्यूम काफी कम होता है।

5. एक्सपेंस रेश्यो  

बात करेंगे एडिशनल चार्जेज की तो आप देखेंगे कि जो भी इंडेक्स फंड है उसमें हमें एक्सपेंस रेश्यो देना पड़ता है और अगर आपने उस फंड को तुरंत ही बेच दिया तो हो सकता है कि कुछ एग्जिट लोड भी देना पड़े।

पर कुल मिलाकर के इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेशों काफी कम होता है।

अब अगर ईटीएफ की बात करें तो उनका एक्सपेंस रेशों भी इंडेक्स फंड के आसपास या उससे कम हो सकता है पर हर बार जब भी भी आप किसी ईटीएफ को बाय या सेल करेंगे तो आपको अलग से ब्रोकरेज और अलग अलग चार्जेज़ जैसे जीएसटी, एसटीटी, स्टैंप ड्यूटी, एक्सचेंज फीस इत्यादि इत्यादि देने पड़ सकते हैं।

6. क्या Index fund या ETF में SIP कर सकते हैं?

अब बात करें अगर सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट यानी एसआईपी की तो फिर कुछ समय पहले तक तो ऐसा था कि आप किसी भी इंडेक्स फंड में बड़े आराम से ऐसा ही कर सकते थे और अभी भी कर सकते हैं पर यह चीज एक ईटीएफ में नहीं होती थी।

पर आजकल  ईटीएफ में भी SIP करने के लिए कई सारे प्लेटफार्म हैं |

जैसे मैं आईसीआईसीआई डायरेक्ट का उपयोग करता हूं और उसमें स्टॉक्स या फिर ईटीएफ के लिए एक ऑप्शन आता है SEP यानी सिस्टमैटिक इक्विटी प्लान और उसके तहत मैं किसी भी ईटीएफ में एसआईपी मोड से इन्वेस्ट कर सकता हूं।

हो सकता है बाकी डीमेट या ट्रेडिंग अकाउंट में भी ऐसी फैसिलिटी बाकी कंपनियां भी दे रही हों।

7. इन्वेस्टमेंट फ्लेक्सिबिलिटी 

इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड की बात करें इसमें बहुत ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी नहीं है और आप इसमें बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं।

यहां पर बहुत कुछ से मेरा मतलब है कि इंडेक्स फंड के लिए आप टेक्निकल या फंडामेंटल एनालिसिस करके कुछ पता नहीं कर सकते हैं ना ही उसका कोई फायदा होगा।

वहीं अगर ईटीएफ की बात करें तो इसमें काफी अधिक फ्लैक्सिबिलिटी है और इसमें बहुत कुछ किया जा सकता है।

क्योंकि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स NSE और BSE पर ट्रेड होते हैं इसके लिए उसमें टेक्निकल एनालिसिस की जा सकती है।

इसके अलावा भी आप चाहे तो ईटीएफ ट्रेडिंग के दौरान लिमिट ऑर्डर या स्टॉप लॉस ऑर्डर लगा सकते हैं और मार्जिन ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।

ऐसे बहुत सारे निवेशक हैं जो ईटीएफ में टेक्निकल चार्ट्स की मदद से  ट्रेडिंग भी करते हैं और काफी अच्छा पैसा भी बनाते हैं।

8. ट्रैकिंग एरर 

ट्रैकिंग एरर किसी फंड या ईटीएफ और उसके बेंचमार्क इंडेक्स के रिटर्न के बीच के अंतर को बताता है।

यह एरर दोनों में होता है चाहे वह इंडेक्स फंड हो या फिर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हमारा यह पोस्ट पढ़ें – ETF क्या है?

अगर मैं इन दोनों को कंपेयर करूं तो यह पता चलता है कि इंडेक्स फंड में ट्रैकिंग एरर अधिक होता है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि जो भी इंडेक्स फंड होते हैं वह बैकअप के लिए काफी ज्यादा कैश रखते हैं और ईटीएफ अपने पास अधिक कैश नहीं रखते हैं और वह सारा पैसा मार्केट में लगा देते हैं।

आपको इंडेक्स फंड या ईटीएफ में से कहाँ निवेश करना चाहिए?इंडेक्स फंड vs etf

इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड और ईटीएफ किसी बेंचमार्क इंडेक्स को ही ट्रैक करता है तो लंबी अवधि में जो भी इंटेक्स का रिटर्न रहेगा उसी के आसपास का रिटर्न आपको इन फंड्स से मिलेगा।

जैसे देखिए, अगर हम Nifty50 इंडेक्स को ले लें तो पिछले 5 सालों में इस इंडेक्स ने लगभग 12 – 12.25% का रिटर्न दिया है।

अब हम क्या करते हैं कि एक इंडेक्स फंड लेते हैं जिसका नाम है एचडीएफसी निफ़्टी फिफ्टी इंडेक्स फंड।

तो आप देखेंगे कि इंडेक्स फंड ने भी पिछले 5 सालों में 12.50% का रिटर्न दिया है बिल्कुल निफ़्टी इंडेक्स के आसपास।

वहीं अगर आप एचडीएफसी के ईटीएफ की बात करेंगे जैसे एचडीएफसी निफ़्टी फिफ्टी ईटीएफ तो भी पिछले 5 सालों में  इसका रिटर्न है 12.8%।

तो इस तरह से आप देखेंगे अगर आप लंबे समय तक किसी भी फंड में इन्वेस्ट रहते हैं तो आपको अच्छे रिटर्न्स मिलता है और वह रिटर्न आपका उतना ही होगा जो किसी इंडेक्स ने दिए हैं।

अगर आप मेरी राय पूछेंगे तो मैं तो कहूंगा कि दो ऐसी जरूरी चीजें हैं जिसे आपको जरूर ध्यान में रखना होगा अगर आप कोई इंडेक्स फंड या फिर ईटीएफ को खरीदना चाहते हैं।

यह दो चीजें हैं दाम और लिक्विडिटी

यह सही है कि हाल-फिलहाल में ETF में थोड़ा लिक्विडिटी की समस्या रहती है पर अगर आप सही ढंग से चुनेंगे तो आपको अच्छे लिक्विडिटी वाले ईटीएफ भी मिल जाएंगे।

अगर लिक्विडिटी आसानी से मिल रही है और उसमें ज्यादा रिस्क नहीं लग रहा है तो थोड़ा सा चार्जेज को दरकिनार करते हुए मेरे हिसाब से ईटीएफ में ही निवेश करना बेहतर है।

आपको बता दूं कि यह मेरी व्यक्तिगत राय है और कोई निवेश की राय नहीं है अगर आपको इन दोनों में से किसी भी जगह इन्वेस्ट करना है तो अपना रिसर्च जरूर करें या फिर अपने फाइनेंसियल एडवाइजर की राय ले लें |

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