Dividend यानि लाभांश किसी कंपनी के लाभ (profit) में से निवेशकों को दिया जाने वाला एक हिस्सा होता है जो प्रति शेयर के आधार पर दिया जाता है।
तो क्या आपको केवल ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहिए जो अधिक से अधिक डिविडेंड देती हो।
क्या आपको लगता है कि जो कंपनियां अधिक लाभांश देती हैं वह क्या कैश रिच होती हैं और इस तरह से उनका फंडामेंटल काफी मजबूत होता है।
यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो नए नए निवेशकों के मन में अक्सर ही आते हैं।
आज के लेख में हम जानेंगे कि डिविडेंड क्या होता है, कैसे मिलता है और क्या आपको उन कंपनियों के शेयर खरीदने चाहिए जो अधिक डिविडेंड देते हैं।
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डिविडेंड क्या होता है | Dividend Meaning in Hindi?
Dividend Meaning in Hindi – Dividend का Hindi Meaning होता है लाभांश यानी अपने लाभ में से थोड़ा सा अंश या टुकड़ा दे देना।
कोई भी लिस्टेड कंपनी जब अपने लाभ यानी प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स को बांटती है तब इस हिस्से को ही डिविडेंड कहा जाता है।
आमतौर पर कंपनियां सालाना डिविडेंड देती हैं पर कुछ कंपनियां ऐसी भी है जो तिमाही और छमाही डिविडेंड्स भी देती हैं।
Dividend हमेशा प्रति शेयर और फेस वैल्यू के आधार पर ही दिया जाता है |
उदहारण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक शेयर की फेस वैल्यू है ₹10 |
अब मार्च 2022 समाप्ति वर्ष के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 80% का इक्विटी लाभांश यानि 10 * 80/100 = 8 रुपये प्रति शेयर घोषित किया |
वैसे यह जरूरी नहीं कि dividend देनें के लिए हर तिमाही/सालाना कंपनी को लाभ ही हो, ऐसी कई कंपनियां हैं जिनके पास काफी कैश रहता है वह भी अक्सर लाभांश देती हैं |
यह कोई जरूरी नहीं कि सभी कंपनियां हर साल डिविडेंड दें ही और ऐसी बहुत सी कंपनियां है जिसनें अभी भी कोई भी डिविडेंड नहीं दिया है।
अगर कोई कंपनी साल के बीच में लाभांश दे रही है तब उसे अंतरिम डिविडेंड (interim dividend) और यदि वह साल के अंत में दे रही है तब फाइनल डिविडेंड (final dividend) कहा जाता है।
जब भी कोई कंपनी प्रॉफिट करती है तब वह अपने पैसे को दो तरीके से उपयोग में ला सकती है।
- उसी पैसे को अपने बिजनेस में वापस लगा कर के
- शेयर होल्डर को डिविडेंड बांट के
आप हमें कमेंट करके बताएं कि आप इन दोनों में से किस प्रकार की कंपनी को चुनना पसंद करेंगे।
डिविडेंड यील्ड क्या होता है। What is Dividend Yield?
डिविडेंड यील्ड के बारे में आपने अधिकतर जगह देखा या पढ़ा होगा जिसे एक प्रतिशत (%) के रूप में दिखाया जाता है।
Dividend Yield का मतलब है कि एक निवेशक को अपने निवेश पर कितना प्रतिशत डिविडेंड मिलता है ।
Dividend Yield = Dividend Declared / Current Stock Price
जैसे मान लें किसी कंपनी का डिविडेंड यील्ड 3% है |
तो इसका मतलब यह है कि अगर आप इस वक्त उस कंपनी में ₹100,000 निवेश करते हैं तब आपको कंपनी द्वारा सालाना ₹3000 डिविडेंड मिलेंगे आपके बैंक अकाउंट में।
एक बार फिर से इसे एक उदाहरण से समझे।
माना एक कंपनी की स्टॉक प्राइस ₹100 है जो ₹10 प्रति शेयर डिविडेंड डिक्लेअर कर रही है।
तब डिविडेंड यील्ड हो जाएगा 10 / 100 * 100 = 10% ।
उम्मीद करता हूं आपको समझ में आ गया होगा।
सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाले 10 शेयर | Top 10 Stocks in India Paying High Dividends [2022]
आइये जानते हैं कि पिछले 3 सालों में सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयर कौन कौन से हैं |
पिछले 3 वर्षों में भारत में टॉप 10 लाभांश देने वाले स्टॉक (जून -2022) | |
स्टॉक का नाम | डिविडेंड यील्ड (%) |
वेदांता लिमिटेड | 19.5 |
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड | 11.9 |
पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया | 11.8 |
कोल इंडिया लिमिटेड | 9.6 |
ओएनजीसी | 7.8 |
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड | 6.9 |
टाटा स्टील लिमिटेड | 5.9 |
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड | 5.3 |
इंडस टावर्स लिमिटेड | 5.2 |
एनटीपीसी लिमिटेड | 5.1 |
ऊपर जितने भी नाम मैंने दिए हैं उनमें निवेश करके आप फिक्स डिपाजिट से अधिक रिटर्न्स डिविडेंड के रूप में कमा सकते हैं।
अब जैसे मान लें कि आपने ₹100000 कोल इंडिया में इन्वेस्ट किए हैं तब आपको हर साल 9600 रुपए केवल डिविडेंड के मिल जाएंगे जो एफडी से अधिक है।
डिविडेंड कैसे मिलता है [Important Dividend Dates]
अगर आप पूछेंगे कि डिविडेंड कैसे मिलता है तो इसका सीधा उत्तर है लाभांश देने वाले स्टॉक्स को खरीद के |
यहाँ ध्यान दें कि किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने के लिए आप के पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए नहीं तो आप म्यूच्यूअल फण्ड के डिविडेंड आप्शन में निवेश कर सकते हैं |
ऐसा नहीं है कि आपने कभी भी किसी कंपनी के सहरे को खरीद लिया और सोचते रहे कि अब तो आपको डिविडेंड मिल ही जायेगा |
ऐसा नहीं है !!
चलिए अब जानते हैं dividend लेने के लिए आपको किन जरूरी तिथियों यानि डेट्स के बारे में जानना आवश्यक है |
डिविडेंड डेक्लरेशन डेट | Dividend Declaration Date
इस दिन कंपनी की वार्षिक आम बैठक (AGM) होती है और इसी में कंपनी का बोर्ड लाभांश देने का निर्णय लेता है |
रिकॉर्ड डेट | Record Date
मैंने आपको बताया था कि ऐसा नहीं है कि डिविडेंड लेने के लिए आप स्टॉक को कभी भी खरीद लें |
यहाँ पर रिकॉर्ड डेट बहुत मायने रखती है जिसका मतलब यह है कि इस दिन कंपनी अपने रिकॉर्ड चेक करती है और उसमें जिनके नाम होते हैं उन्हें ही लाभांश देना तयं किया जाता है।
आमतौर पर देखा गया है कि लाभांश की घोषणा और रिकॉर्ड डेट के बीच कम से कम 30 दिनों का अंतर होता है।
एक्स डिविडेंड डेट | Ex-Date
यह दिन record date के दो कारोबारी दिन पहले आता है और यही सबसे जरूरी तारीख है |
यह जरूरी इसलिए है क्योंकि अगर आपको उस कंपनी का डिविडेंड चाहिए तो आपको वह स्टॉक Ex-Date के पहले खरीदना होगा ।
इसका कारण यह है कि भारत में सौदे के दो दिन बाद ही समझौता होता है जिसे हम लोग शेयर मार्किट की भाषा में T+2 सेटलमेंट कहते हैं |
डिविडेंड पे आउट डेट | Dividend Payout Date
इस दिन शेयरधारकों को डिविडेंड का पेमेंट कर दिया जाता है।
यहाँ ध्यान दें कि जब भी कोई स्टॉक एक्स डिविडेंड हो जाता है यानि जब डिविडेंड मिल जाता है तब उसकी कीमतें dividend के बराबर ही कम हो जाती हैं |
जैसे मान लें किसी शेयर का मौजूदा भाव है ₹1000 और अगर उसनें 10 रु/शेयर का लाभांश दिया है तब ex-date पर उस स्टॉक की मौजूदा कीमत हो जाएगी ₹990 |
डिविडेंड यील्ड अधिक होने का क्या मतलब है?
ऐसे देखने में तो काफी अच्छा लगेगा कि अगर किसी कंपनी का डिविडेंड यील्ड अधिक है।
पर क्या यहां इसका मतलब यह है कि आपको ऐसे ही कंपनी में इन्वेस्ट करना चाहिए जिसका डिविडेंड यील्ड अधिक से अधिक हो।
यहाँ Dividend yield अधिक हो जाने के दो मतलब हो सकते हैं।
पहला यह कि कंपनी के शेयर की कीमत बहुत ज्यादा गिर चुकी है इसलिए डिविडेंड यील्ड ज्यादा लग रही है।
अच्छी से अच्छी कंपनियां एक परसेंट से ज्यादा डिविडेंड नहीं देती।
दूसरा कारण यह है कि कंपनी पैसे तो कमा रही है लेकिन व्यापार को और ज्यादा बढ़ाना कैसे हैं इसकी कोई प्लानिंग नहीं है कंपनी के पास।
इसलिए वह कमाए हुए पैसों को शेयर होल्डर्स में बांट रही है।
अगर आप ऐसे कंपनी में निवेश करते हैं जिसका डिविडेंड 4-5% से ज्यादा है तो 90% चांस है कि आपके निवेश किए गए पैसे पर आपको डिविडेंड तो अच्छे मिल जाएंगे लेकिन ग्रोथ कुछ ख़ास नहीं रहेगी।
इसलिए आप देखेंगे कि अधिकतर सरकारी कंपनियां अधिक लाभांश देती हैं पर उनकी शेयर प्राइस अधिक नहीं बढती है |
क्या आपको हाई डिविडेंड यील्ड वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए?
देखें डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स हमेशा से इन्वेस्टर्स के फेवरेट रहे हैं क्योंकि ठीक-ठाक बढ़ते हैं और इनमें शानदार डिविडेंड्स भी मिलता है।
पर अगर आप हाई ग्रोथ चाहते हैं तब आपको ऐसी कंपनी में थोड़ा निराश होना पड़ेगा।
जैसे कोल इंडिया या पॉवर ग्रिड कैश रिच कंपनी हैं पर इनके शेयर में उतनी ग्रोथ नहीं दिखती |
अब आपको यह सोचना है कि आपको रेगुलर इनकम चाहिए या फिर अधिक ग्रोथ |
अब जब बात आती है हाई डिविडेंड यील्ड वाली कंपनियों में निवेश करने की तो मैंने कुछ कंपनी जैसे कोल इंडिया और आईओसी में निवेश किया हुआ है |
हालांकि मेरे हिसाब से आपके पोर्टफोलियो में 10-15 % हाई डिविडेंड यील्ड वाले स्टॉक भी होने चाहिए जो आपको समय-समय पर रेगुलर इनकम देते रहें।