NFO यानि New Fund Offer के बारे में आपने जरूर सुना होगा अगर आप एक म्यूच्यूअल फंड निवेशक है।
अक्सर ही म्यूच्यूअल फंड कंपनियां नए-नए एनएफओ बाजार में उतारती हैं और हर तरफ उसका जोर शोर से प्रचार किया जाता है |
कई बार ब्रोकर्स के द्वारा भी ऐसा बताया जाता है कि न्यू फंड फर तो बहुत ही कम दाम पर मिल जाता है इसलिए बाद में इसमें बहुत फायदा मिल सकता है |
ऐसे समय में आम निवेशकों को यह समझ नहीं आता है कि आखिर इनमें निवेश करें या नहीं?
अगर आप सोच रहे हैं की NFO कोई बहुत बड़ा तकनीकी शब्द है तो कोई बात नहीं आपकी मुश्किल को हम यहां पर आसान बनाएं देते हैं।
आज की इस बातचीत में हम जानेंगे की एनएफओ क्या होता है और आपको इसमें इन्वेस्ट करने से पहले किन किन बातों का ध्यान देना चाहिए?
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एनएफओ क्या होता है | What is NFO?
सबसे पहले तो बात करते हैं NFO के full form की जिसमें ही इसका मतलब भी छुपा हुआ है।
NFO Full Form – New Fund Offer
NFO Meaning in Hindi – नए फंड की पेशकश या नई निधि का प्रस्ताव
अब आपको इसका फुल फॉर्म देख कर के ही मतलब समझ में आ गया होगा।
जब भी कोई म्यूच्यूअल फंड कंपनी यानि Asset management Company (AMC) मार्केट में नया फंड लेकर आती है तब वह उसे सबसे पहले एनएफओ के माध्यम से ही बाजार में उतारती हैं ।
आप इस पूरी प्रक्रिया को शेयर मार्केट के आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर जैसा ही समझ सकते हैं।
NFO के दौरान उस फंड का NAV (Net Asset Value) यानि एक यूनिट का दाम काफी कम रखा जाता है जिससे आम निवेशक भी बड़ी आसानी से आकर्षित हो सकें |
एनएफओ के खास फीचर क्या है | Features of New Fund Offer
जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि NFO एक बिलकुल नया फंड होता है।
एनएफओ एक निश्चित समय अवधि के लिए ही पेश किए जाते हैं और इसी दौरान आप उनमें पहली बार निवेश कर सकते हैं।
एनएफओ में एक यूनिट का दाम (NAV) ₹10 होता है।
आईपीओ के जैसे ही जब इसका कटऑफ टाइम खत्म हो जाता है तब इनका NAV भी मार्केट के हिसाब से चलता है।
मान लें, अगर आपने एनएफओ के समय किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट नहीं किया तो भी चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि आप इसमें लिस्टिंग के बाद भी इन्वेस्ट कर सकते हैं अगर वह ओपन एंडेड फंड है तब।
अब आइये जानते हैं कि open और closed ended mutual fund NFO क्या होते हैं ?
ओपन और क्लोज्ड एंडेड फंड क्या है | What are Open & Closed Ended Funds?
जैसा कि नाम से ही पता चलता है open ended mutual fund में सब कुछ ओपन यानी खुला रहता है।
इसका मतलब है कि आप इसमें कभी भी इन्वेस्ट कर सकते हैं, जब चाहे बेच सकते हैं और इनका कोई लॉक-इन पीरियड भी नहीं रहता है।
वहीं अगर closed ended mutual fund की बात की जाए तब यह बिल्कुल ओपन एंडेड के उलट होते हैं।
इनमें आप एक तयं समय के लिए ही निवेश कर सकते हैं और जब चाहे तब बेच नहीं सकते हैं।
आपको अपने फंड की मैच्योरिटी पीरियड तक होल्ड करके रखना पड़ेगा।
NFO में निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान देना चाहिए?
अगर आपने किसी म्यूच्यूअल फंड के न्यू फण्ड ऑफर में इन्वेस्ट करने का मन बना ही लिया है तब इन बातों पर विशेष ध्यान दें |
1. फंड की थीम | NFO Theme
जब भी आप किसी नए फंड ऑफर में निवेश करने जाएं तब फंड की थीम का जरूर ध्यान रखें।
यह सोच कर कि अभी तो 1 यूनिट का दाम केवल ₹10 ही है आप सभी NFO में इन्वेस्ट ना करते चलें।
आप देखें कि आजकल या आने वाले सालों में कौन सा सेक्टर बढ़िया चलेगा उसके हिसाब से ही इन्वेस्ट करें।
जैसे आज यानी 2022 की बात करें तब फार्मा, मेटल और आईटी काफी गिर चुके हैं और आने वाले सालों में देखा जाए तो एनर्जी, पावर, इंफ्रा और बैंकिंग में अच्छी उम्मीद है।
वैसे भी अगर कोई फंड किसी खास थीम पर है तो उसमें सोच समझकर ही इन्वेस्ट करें ।
आप अधिक से अधिक कोशिश करें कि आपका फंड ब्लूचिप या फिर मल्टीकैप रहे तो अच्छा है।
2. फंड हाउस के नाम और रेपुटेशन पर भी ध्यान दें | Check AMC Reputation
किसी भी नए फंड ऑफर में इन्वेस्ट करने से पहले आपको एएमसी का नाम और रेपुटेशन देखना चाहिए |
अगर आपने किसी कंपनी का नाम अधिक बार नहीं सुना है उसमें निवेश करने से बचना चाहिए।
यह जरूर देखें कि कोई फंड हाउस इस मार्केट में 5 से 10 सालों से है कि नहीं और उनके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड क्या है ।
यहां फंड हाउस के अलावा फंड मैनेजर की भी भूमिका काफी अहम हो जाती है क्योंकि आपको उसकी योग्यता जरूर देखना चाहिए और इन्वेस्ट करने से पहले यह जानना चाहिए कि अभी तक उसने सक्सेसफुली कितने फंड को मैनेज किया है।
3. उसी सेक्टर के बाकी म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न को जरुर चेक कें | Check Returns of MF in Similar Sector
चूँकि NFO यह एक नया फंड ऑफर है तब आपके पास में कोई पुराना ट्रैक रिकॉर्ड तो होगा नहीं।
इसलिए आप उसी नाम और थीम वाले दूसरे म्यूचुअल फंड के रिटर्न्स पर ध्यान दें।
आपको पता चल जाएगा कि अभी यह सेक्टर कैसा परफॉर्म कर रहा है।
कम दाम देखकर आप किसी NFO में निवेश न करें बल्कि बढ़िया रिटर्न देने वाले और पहले से चल रहे म्यूच्यूअल फण्ड में भी निवेश का सोचें |
4. पूरा पोर्टफोलियो जरूर देखें | Check Full Portfolio of NFO
आप उस एनएफओ के ऑफर डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें और देखें कि अगर वह एक इक्विटी फंड है तो उस सेक्टर के किन किन शेयर्स में पैसा लगा रहा है।
वहीं अगर आप एक डेट फंड के NFO में निवेश कर रहे हैं तब आप क्रेडिट रेटिंग पर ध्यान दें और देखें कि पोर्टफोलियो में जो भी बॉन्ड्स या फिर सिक्योरिटी हैं उनकी रेटिंग क्या है।
एक ही सेक्टर के सभी फंड्स का रिटर्न एक जैसा नहीं होता क्योंकि उनका स्टॉक या बॉन्ड सिलेक्शन एक जैसा नहीं होता।
5. बाजार की दशा का ध्यान रखें | Check Market Conditions
मान लें किसी AMC ने बाजार में NFO लांच किया और उस समय पूरा मार्केट ही डाउन चल रहा है किसी भी कारण से।
अगर आप एक इक्विटी एनएफओ में उस समय निवेश करते हैं तो हो सकता है वह लिस्टिंग के समय ही ₹10 से कम खुले और उसे रिकवर करने में काफी समय लग जाए।
इसलिए मार्केट को देखते हुए ही अपना निवेश का निर्णय लें।
क्या आपको एनएफओ में निवेश करना चाहिए | Should You Invest in New Fund Offer?
मेरी राय जानने से पहले आपको बताता चलूं कि किसी NFO में इन्वेस्टमेंट करना बड़ा ही अपीलिंग लगता है क्योंकि शुरू में इसका दाम बहुत कम रहता है।
पर यहां पर परेशानी यह है कि आप इसका पिछला प्रदर्शन और मूल्यांकन नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह एक नया फंड है और इसका कोई भी पुराना ट्रैक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
तो मेरा मत यह है कि अगर आप थोड़ा जोखिम ले सकते हैं और आपको मार्केट के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है तब आप एनएफओ में इन्वेस्ट करें नहीं तो ऐसे फंड में इन्वेस्ट करने से बचें ।
निवेश के लिए आप इस तरीके के म्यूचुअल फंड खरीदें जिनका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड बढ़िया हो ।