इंडेक्स फंड क्या होते हैं | What are Index Funds in Hindi?

इंडेक्स फंड ऐसे प्रकार के म्यूच्यूअल फंड हैं जो किसी ख़ास इंडेक्स यानि सूचकांक में निवेश करते हैं और उन्हें ही ट्रैक करते हैं |

ये फंड्स कोरोनाकाल के बाद से ही काफी अधिक चर्चा के विषय बन चुके हैं।

अगर आपको बिना अधिक जोखिम के स्टॉक मार्केट में निवेश करना है और बढ़िया रिटर्न के साथ अगर आपको कम से कम चार्जेस भी चाहिए तो आपको index funds के बारे में सोचना चाहिए l

जी हां, हो सकता है आप में से अधिकतर लोग इंडेक्स फंड के बारे में जानते हो पर कई नए निवेशक ऐसे भी हैं जो जानना चाहते हैं कि इंडेक्स फंड क्या होता है, कैसे काम करता है, इसमें निवेश के क्या फायदे हैं और इसमें निवेश कैसे करना चाहिए।

तो इन सब सवालों के जवाब आपको मिलेंगे इस लेख में।

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इंडेक्स फंड शब्दावली | Index Fund Terminology

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इस फण्ड के बारे में जानकारी लेने से पहले कुछ जरूरी शब्दावली यानी टर्मिनोलॉजी के बारे में जानना बहुत ही आवश्यक है जिनके बारे में अब हम बात करेंगे।

इंडेक्स क्या होता है | What is an Index?

इंडेक्स किसी ख़ास सेक्टर या अलग अलग सेक्टर के स्टॉक्स को मिलाकर बना हुआ एक ऐसा इंडिकेटर होता है जिसकी मदद से बाजार के प्रदर्शन को मापा जाता है |

उदहारण के लिए Nifty50 में मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार भारत की टॉप 50 कंपनियां हैं जो विभिन्न सेक्टर से हैं वहीँ IT Index केवल आईटी कंपनियों के लिए ही है |

इंडेक्स से ही पूरे शेयर बाजार की दिशा का पता चलता है और इसे एक बेंचमार्क के जैसा उपयोग किया जाता है | 

बेंचमार्क क्या है | What is Benchmark?

यह एक प्रकार का स्टैंडर्ड होता है जिसकी मदद से दूसरे स्टॉक या फंड्स का प्रदर्शन नापा जा सकता है।

जैसे भारत में Nifty50, BSE500 या Nifty Midcap50 जैसे कई इंडेक्स हैं और हर एक फंड किसी न किसी इंटेक्स है खुद को बेंचमार्क करता है।

इन इंडेक्स से तुलना करके और खुद को बेंचमार्क करके यह पता लगाया जाता है कि उस फंड ने इंडेक्स की तुलना में कितना रिटर्न दिया है।

एक्टिव फंड क्या है | What are Active Funds?

एक्टिव फंड वो फंड होते हैं जिसमें फंड मैनेजर का मुख्य उद्देश्य होता है इंडेक्स को बीट करना (पीछे छोड़ना) और उससे अधिक से अधिक रिटर्न निकालना।

जैसे मान लें कोई एक्टिव फंड है ABC जिसकी बेंचमार्किंग बीएसई500 के साथ है।

अगर उस साल बीएसई500 इंडेक्स ने 11% का रिटर्न दिया तब एक्टिव फंड मैनेजर की कोशिश रहेगी कि वह 11% से ऊपर का रिटर्न ही प्रदान करें |

इसके लिए वह तरह-तरह के स्टॉक चुनेगा और उन्हें समय-समय पर फेरबदल भी करता रहेगा।

पैसिव फंड क्या है | What are Passive Funds?

पैसिव फंड ठीक एक्टिव फंड के उलट कार्य करते हैं जिसमें फंड मैनेजर एक्टिव फंड सिलेक्शन नहीं करता बल्कि सीधा-सीधा एक बेंचमार्क इंडेक्स को ही ट्रैक करता है।

Passive fund मैनेजर बेंचमार्क को बीट नहीं करेगा बल्कि उसी तरह से रिटर्न देगा ।

जैसे मान लें कोई पैसिव फंड है ABC जिसकी बेंचमार्किंग बीएसई500 के साथ है।

अगर उस साल बीएसई500 इंडेक्स ने 11% का रिटर्न दिया तब पैसिव फंड भी 11% के आसपास का रिटर्न ही देगा ।

तो यहां पर index fund एक प्रकार का passive fund  ही होता है।

इसके अलावा दूसरा पैसे फंड होता है ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जिसके बारे में हमने इस पोस्ट में काफी डिटेल में बताया है- ईटीएफ क्या होता है?

इंडेक्स फण्ड क्या होते हैं | What are Index Funds in Hindi?

जैसे मैंने आपको बताया कि इंडेक्स फंड्स किसी सूचकांक या इंडेक्स को ही ट्रैक करते हैं और उसी जैसा ही रिटर्न्स देते हैं।

इंडेक्स म्युचुअल फंड्स को आप मशहूर इंडेक्स जैसे Nifty50, BSE500 या Nifty Midcap50 इत्यादि की कॉपी भी मान सकते हैं |

इसका मतलब इस फंड में वही स्टॉक रहेंगे जो उस बेंचमार्क इंडेक्स में होते हैं।

जैसे आपने एक Nifty Midcap50 इंडेक्स फंड में निवेश किया और उसका रिटर्न इस साल रहा 15% तब इंडेक्स फंड का रिटर्न हुआ = 15% रिटर्न – फण्ड का एक्सपेंस रेश्यो 

भारत में सबसे पहले आईडीबीआई प्रिंसिपल ने निफ़्टी इंडेक्स को ट्रैक करने वाला फंड निकाला था जिसका नाम था प्रिंसिपल निफ़्टी 100 इक्विटी फंड |

इन्होंने ही Nifty BEES नाम के इंडेक्स को भी बनाया था जो मोटे तौर पर Nifty50 को ट्रैक करता था।

इंडेक्स फंड्स कैसे काम करते हैं | How Index Funds Work?

चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं।

एचडीएफसी इंडेक्स निफ्टी फिफ्टी प्लान जो Nifty50 इंडेक्स में इन्वेस्ट करता है उसकी बात करते हैं।

यहां पर जो भी 50 स्टॉक इंडेक्स में होंगे वहीं इस एचडीएफसी फंड में भी होंगे|

अब आप यह स्क्रीनशॉट देखें

इंडेक्स फंड

आपने देखा कि यह 50 स्टॉक का इंडेक्स है और यह लार्ज कैप वाली कंपनियां ही हैं जो यहां पर इसी स्कीम में देख सकते हैं।

अब यहां पर आप इस फंड की 5 साल की परफॉर्मेंस देखें और इसे nifty50 इंडेक्स से कंपेयर करें।

इंडेक्स फंड रिटर्न

तो यहां पर आपने देखा कि HDFC Index Nifty 50 Fund नें अपने बेंचमार्क के बराबर या थोड़ा बहुत ऊपर रिटर्न्स ही दिए हैं।

यहां ध्यान दें यह केवल एक उदहारण है और कोई निवेश की राय नहीं है, निवेश के लिए आप अपना रिसर्च जरूर करें।

इंडेक्स फंड में ट्रैकिंग एरर क्या होता है | What is Tracking Error in Index Funds?

यहां पर ट्रैकिंग एरर के बारे में आपको जरूर जाना चाहिए अगर आप किसी इंडेक्स फण्ड में निवेश करने जा रहे हैं तब।

इंडेक्स फंड और उसके बेंचमार्क इंडेक्स  के रिटर्न के बीच के अंतर को फंड की ट्रैकिंग एरर के रूप में जाना जाता है।

जहां एक और एक्टिव फंड को बेंचमार्क से ऊपर रिटर्न पाने के लिए मैनेज किया जाता है वही index funds की कोशिश रहती है बेंचमार्क इंडेक्स की परफॉर्मेंस को मैच करना।

तो कई बार बेंचमार्क रिटर्न और इंडेक्स फंड के रिटर्न के बीच थोड़ा अंतर आ जाता है जिसे tracking error कहा जाता है।

यहां फंड मैनेजर का काम होता है कि इस अंतर को जल्द से जल्द दूर किया जाए।  

कई बार AUM बढ़ने, एक्सपेंस रेश्यो कांस्टेंट रखने और डिविडेंड रिइन्वेस्टमेंट के कारण ट्रैकिंग एरर आ जाता है।

कुछ इंडेक्स फंड में तो यह काफी अधिक होता है जिसका आपको ध्यान रखना पड़ेगा इनमें निवेश करने से पहले।

इंडेक्स फंड के फायदे क्या है | Advantages of Index Funds

इंडेक्स फंड का एक सबसे बड़ा फायदा है कि किसी नए निवेशक के लिए यह बहुत ही बढ़िया निवेश है।

आप पूछेंगे क्यों क्योंकि यह काफी आसान है और अधिक ट्रैकिंग की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह पूरा पूरा एक इंडेक्सको ही कॉपी करके चलता है।

दूसरा बड़ा फायदा है कि इंडेक्स फण्ड का एक्सपेंस रेश्यो बाकी इक्विटी म्यूचुअल फंड से काफी कम होता है जिसका लंबे समय में आपको काफी फायदा होता है।

कई बार तो किसी म्यूचुअल फंड के रेगुलर प्लान की तुलना में यह अंतर एक से सवा परसेंट तक भी हो जाता है।

उदाहरण के लिए मान लें आपके इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो अगर 0.6% है और कोई इक्विटी म्युचुअल फंड का एक्सपेंस रेश्यो 1.6% है |

अब अगर आप ₹10,000 की मंथली एसआईपी कर रहे हैं 20 सालों के लिए तब यह केवल 1% का अंतर आपके 12.8 लाख रुपए खा जाएगा।

अब यह स्क्रीनशॉट्स देखें –

mutual fund index fund mutual fund

यहां पर आप देख सकते हैं कि अगर आपने एचडीएफसी इंडेक्स फण्ड में निवेश किया तब आपको केवल 0.2% ही एक्सपेंस देना होगा |

वहीं अगर नॉरमल  म्यूचुअल फंड जैसे निप्पोन वैल्यू फंड में आप इन्वेस्ट करते हैं तो आपको डायरेक्ट प्लान के लिए 1.32% और रेगुलर प्लान के लिए 2.04% देना होगा।

इंडेक्स फंड में एक फायदा और है कि यह पूरा इंडेक्स को ट्रैक करता है और काफी डायवर्सिफाइड है इसलिए यह बहुत अधिक ऊपर नीचे नहीं होता है।

इसमें ऐसा नहीं होता है कि आपका लगाया हुआ पैसा पूरी तरह से डूब जाए और अक्सर यह काफी कंसिस्टेंट रिटर्न देता है लंबे समय में।

वैसे भी अगर पिछले 20 सालों की बात करें तब nifty50 इंडेक्स ने 14% से ऊपर का सीएजीआर रिटर्न्स दिया है जो एक आम एफडी से काफी अधिक है l

इंडेक्स फंड के नुक्सान क्या है | Disadvantages of Index Funds

अब अगर index fund में फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है, क्या है वह आइए देखते हैं

कई बार कुछ इंडेक्स फंड में बड़े ट्रैकिंग एरर आ जाते हैं जिससे सही रिटर्न का पता नहीं चल पाता है

क्योंकि एक इंडेक्स फंड किसी बेंचमार्क इंडेक्स को ही ट्रैक करता है इसलिए इसमें कोई फ्लैक्सिबिलिटी या लचीलापन नहीं होता है |

इसके अलावा फंड मैनेजर के पास कोई चॉइस नहीं होती है कि वह खराब परफॉर्म करने वाले स्टाक को निकाल कर किसी और को जगह दे दे।

इसलिए जो भी रिटर्न इंटेक्स का होगा उसी जैसा रिटर्न ही वह index fund भी देगा।

दूसरा यह है कि यह बाकी फंड के तुलना में कम रिटर्न्स देता है |

जहां पर एक एक्टिव फंड आपको आराम से इंडेक्स फण्ड को बीट करते हुए लिख जाएंगे वहीं पर इंडेक्स फंड का रिटर्न केवल इंडेक्स तक ही सीमित होकर रह जाता है |

इंडेक्स फंड में निवेश कैसे करें | How to Invest in Index Funds?

इंडेक्स फंड में निवेश

यह एक म्यूच्यूअल फंड का ही प्रकार है जिसमें आप साधारण म्यूच्यूअल फंड के जैसे ही इन्वेस्ट कर सकते हैं।

इंडेक्स फंड में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आप ऑनलाइन, ऑफलाइन या फिर कोई एजेंट का विकल्प चुन सकते हैं |

ऑनलाइन निवेश के लिए लिए आपको किसी म्यूच्यूअल फंड वेबसाइट (देखें फोटो) पर जाकर केवाईसी रजिस्ट्रेशन करना होगा फिर आप चाहे तो lumpsum या SIP मोड से इस में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

ऑनलाइन AMC कंपनी वेबसाइट के अलावा भी आप अपने डीमैट अकाउंट से या फिर ग्रो, अपस्टॉक्स या ईटी मनी जैसी वेबसाइट से भी निवेश कर सकते हैं |

यहां पर ध्यान दें की रेगुलर की बजाए डायरेक्ट म्युचुअल फंड प्लान में ही निवेश करें क्योंकि उनका एक्सपेंस रेश्यो काफी कम होता है।

 

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