कौन सा है Best Defence ETF?
अगर आपके दिमाग में भी यही सवाल घूम रहा है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज हम एक डिटेल्ड कंपैरिजन करने वाले हैं मोतीलाल ओसवाल और ग्रो निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ के बीच।
लेकिन यहां पर असली सवाल यह है कि इन दोनों में से किस में है वह दमदार लिक्विडिटी जो हर ट्रेडर ढूंढता है और इन दोनों में से कौन सा है बेहतरीन रक्षा क्षेत्र का ईटीएफ?
तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़िए क्योंकि आगे एक ऐसी बात हम लोग डिस्कस करेंगे जिसको सुनकर के आप भी चौंक जाएंगे।
Nifty India Defence Index Breakout
अब आता है सबसे बड़ा टेक्निकल सिग्नल जो निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में दिखा है
यह है एक जबरदस्त ब्रेकआउट।
जी हां, जैसा कि आप इस टेक्निकल चार्ट में देख सकते हैं कि निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने तकरीबन 7000 के इंपॉर्टेंट स्तर को यानी अपने पुराने हाई को तोड़ दिया है और यह कोई मामूली बात नहीं है।
यह वो लेवल था जो दिसंबर से लेकर के अप्रैल तक एक मजबूत रेजिस्टेंस की तरह काम कर रहा था।
लेकिन अब प्राइस ने उस लेवल को कन्विंसिंगली ब्रेक कर दिया है और ऊपर टिकने की कोशिश कर रहा है।
इसका मतलब है कि मार्केट ने डिफेंस सेक्टर में एक नई बुलिश जर्नी शुरू करने के संकेत दे दिए हैं।
पर हो सकता है कि यह इंडेक्स अभी वापस से रिट्रेस करें और फिर से यह एक बार अपने इंपॉर्टेंट सपोर्ट यानी 7000 के लेवल्स को छुए फर्दर एक नए अपमूव के लिए।
वैसे अगर आप ध्यान से देखें तो यह ब्रेकआउट एक वी शेप रिकवरी के बाद आया है जो बताता है कि खरीददार अब पूरी ताकत से लौट चुके हैं |

तो इसका फायदा किसे मिलेगा ….जाहिर है Motilal Oswal या फिर GROWW Defence ETF को जिसे हम आगे डिटेल में कंपेयर करेंगे |
लेकिन इतना तो तय है कि टेक्निकल चार्ट्स ने सिग्नल दे दिया है अब बारी आपकी है इसे एक्शन में बदलने की|
02 Listed Defence ETFs
अब आइए बात करते हैं डिफेंस सेक्टर से जुड़े दो असली खिलाड़ियों की यानी GROWW Nifty India Defence ETF और Motilal Oswal Nifty India Defence ETF के बारे में।
वैसे इन दोनों ईटीएफ की लिस्टिंग भी आसपास ही हुई थी।
पर उस समय पूरा डिफेंस इंडेक्स काफी अधिक ओवरवैल्यूड था और मैंने उस समय एक वीडियो में यह बताया भी था।
अब यह रहे दो मेन डिफेंस ईटीएफ जो मार्केट में अभी लिस्टेड है।
यह दोनों ही ईटीएफ लिस्टिंग के बाद से अपने टॉप से तकरीबन 30.5% तक गिर चुके थे।
यानी इनमें काफी अधिक गिरावट हुई थी। पर मार्च तक गिरने के बाद में केवल दो ही महीनों में यह दोनों ईटीएफ 42% के रिटर्न्स दे चुके हैं।
यानी एक तो इन्होंने अपने प्रीवियस हाई को ब्रेक किया और दूसरा एक रिकॉर्ड हाई बनाया। जैसा कि हमने टेक्निकल चार्ट्स में भी देखा।
देखिए यह दोनों ही ईटीएफ Nifty India Defence Index को फॉलो करते हैं।
तो आइए देखते हैं कि निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स के प्रीवियस रिटर्न्स कैसे रहे।
देखिए यह इंडेक्स बना था 2018 में। यानी इसमें बहुत पुराना डाटा अवेलेबल तो नहीं है।
1 साल का सीएजीआर देखिए 32% का शानदार रिटर्न्स। 5 साल में देखिए 67% बहुत ही बढ़िया क्योंकि यह वो गोल्डन पीरियड था जब सारे डिफेंस स्टॉक में आग लगी हुई थी।
इसलिए यह रिटर्न्स आपको काफी शानदार दिख रहे हैं। पर प्रॉब्लम क्या थी कि कोई भी ईटीएफ उस समय लिस्टेड नहीं था इस रैली का फायदा लेने के लिए।
और जब ईटीएफ ल्च हुआ तब तक डिफेंस इंडेक्स काफी अधिक ओवरवैल्यूड हो चुका था।
पर अब भारी करेक्शन के बाद में निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स में अब मौके देखे जा रहे हैं।
सिंस इनसेप्शन यानी करीब से इयर्स का सीएजीआर देखिए 32.5% जो कि काफी बढ़िया है।
ध्यान दीजिए डिफेंस थीम ने रिटर्न्स तो बेस्ट दिए पर यह इंडेक्स काफी वोलेटाइल भी रहा है।
डिफेन्स इंडेक्स में अभी कि तेजी का क्या कारण है?
अब आपने डिफेंस इंडेक्स में एक बड़ा करेक्शन देखा और उसके बाद अभी की रैली भी देखी।
तो आखिर कारण क्या है इस जबरदस्त रैली का?
तो चलिए आपको एक ऐसी बात बताते हैं जो शायद ही किसी ने इस क्लेरिटी से बताई हो।
देखिए इस बात का कारण छिपा है निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स के पोर्टफोलियो में।
जी हां ये रहे इस पोर्टफोलियो के टॉप 10 स्टॉक्स (Source- NSE)।
आप देख ही सकते हैं कि इस इंडेक्स में सिर्फ चार बड़ी कंपनियां यानी HAL, BEL, सोलर इंडस्ट्रीज और मझगाँव डॉक मिलाकर के पूरे 65% से ज्यादा का वेट परसेंट एलोकेशन रखते हैं।
इसका मतलब इसका मतलब सीधा है। अगर यह चार दिग्गज उड़ान भरते हैं तो पूरा का पूरा पोर्टफोलियो ही आसमान में पहुंच जाता है।
और अब देखिए वो चौंका देने वाली हेडलाइंस जिनकी वजह से पूरा डिफेंस सेक्टर जलवा बिखेर रहा है।
सबसे पहले देखिए HAL यानी Hindustan Aeronautics क्वार्टर 4 में 40% मार्जिनस और 60% के YTD रिटर्न्स।
देखिए HAL का स्टॉक अब तक 60% ऊपर है और 12 महीने में लगभग तीन गुना हो चुका है। यह कोई छोटी-मोटी खबर नहीं है। यह है मल्टीबैगर परफॉर्मेंस की असली पहचान।
फिर सेकंड नंबर पर है BEL यानी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड। नेट प्रॉफिट में है 30% की ग्रोथ और 1797 करोड़ तक का मुनाफा। इसके रेवेन्यू में 32% की बढ़त दर्ज की गई है। तीसरे नंबर पर है सोलर इंडस्ट्रीज ।
देखिए ICICI ने इसका टारगेट बढ़ा करके 16,000 कर दिया है और इसके पीई को 70 तक जस्टिफाई भी किया गया है।
FY 30 तक इस कंपनी का डिफेंस रेवेन्यू 35% तक पहुंचने का अनुमान है।
यह एक मेगा ग्रोथ की ओर इशारा करता है। और चौथे नंबर पर है मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स जिसने दिखाई है धमाकेदार परफॉर्मेंस।
एक तो 52 वीक हाई पर है यह स्टॉक और दूसरा 157% इयरली रिटर्न्स भी दे चुका है।
हाई आरओई, बढ़ता इंस्टीट्यूशनल होल्डिंग और जबरदस्त ऑपरेशनल एफिशिएंसी ने इन्वेस्टर्स का भरोसा जीत लिया है।
अब आप खुद ही सोचिए जब चारों मेन इंजंस फुल थ्रोटल पर चल रहे हो तो क्या इंडेक्स उड़ान नहीं भरेगा?
और यही कारण है कि डिफेंस सिर्फ एक थीम ही नहीं है बल्कि अब यह एक हाई कन्विक्शन हाई ग्रोथ अपॉर्चुनिटी भी बन चुका है।
HAL Rally – केस स्टडी
अब इस शानदार रैली का दूसरा कारण समझिए।
इस बात को समझने के लिए मैंने सबसे अधिक वेटेज वाले स्टॉक HAL का एग्जांपल लिया है।
देखिए 8th जुलाई 24 को HAL ने ऑल टाइम हाई बनाया था 5621 का और उस समय स्टॉक का पीई यानी वैल्यू्यूएशन चला गया था 49.5 तक।
इस ओवरवैल्यूएशन के बाद ही स्टॉक करेक्ट होना शुरू हुआ और आगे सितंबर के बाद जब मार्केट टूटा तब इसमें और भी अधिक गिरावट दर्ज की गई।
अब देखिए यहां पर फ़रवरी 2025 तक एचएल तकरीबन 3000 तक आ चुका था। इससे हुआ क्या?
पीई करेक्ट हुआ और वह अपने एवरेज पीई यानी 35 से भी नीचे चला गया।
अब उसके बाद आप देखिए कि रिजल्ट्स भी बढ़िया आने के कारण ईपीएस यानी अर्निंग्स पर शेयर भी बढ़ते चले गए और इससे भी पीई डाउन होता चला गया।
क्यों?
क्योंकि पीई होता है प्राइस डिवाइडेड बाय ईपीएस यानी अर्निंग्स पर शेयर।
इसका मतलब है कि जितना अधिक ईपीएस बढ़ेगा उतना ही पीई और डाउन होगा। अब जैसे ही मार्केट रिवर्स हुआ तो इसमें जबरदस्त तेजी आनी ही थी क्योंकि सारे डिफेंस स्टॉक करेक्शन के बाद में अंडरवैल्यूड हो चले थे।
अभी भी देखिए कि यह HAL 35 यानी अपने मीडियन पीई पर ही ट्रेड कर रहा है और आगे यह और भी ऊपर जा सकता है।
ऐसा मेरा मानना है। पर हां, ध्यान दें कि यह कोई इन्वेस्टमेंट की राय नहीं है।
तो, आपको किसी ईटीएफ की मूवमेंट को उसके स्टॉक्स के साथ में ऐसे कंपेयर करना चाहिए।
रक्षा क्षेत्र स्टॉक्स कि फ्यूचर ग्रोथ
अब डिफेंस ईटीएफ की रैली के बाद में सबसे बड़ा सवाल है कि भैया फ्यूचर ग्रोथ कहां से आएगी?
क्या डिफेंस सेक्टर की तेजी यहीं पर रुक जाएगी या फिर असली गेम अब शुरू होने वाला है?
तो इसका जवाब है फ्यूचर ग्रोथ के लिए ऑलरेडी कॉन्ट्रैक्ट्स और पार्टनरशिप की बारिश हो रही है।
जी हां और यही वजह है कि डिफेंस ईटीएफ सिर्फ पास्ट रिटर्न्स की कहानी नहीं है बल्कि एक फ्यूचर अपॉर्चुनिटी भी है जिसे अब भी टाइम पर पकड़ा जा सकता है।
अब देखिए यह तीन तगड़ी खबरें जो बताती है कि आगे का रास्ता कितना मजबूत और प्रॉमिसिंग है।
पहली न्यूज़ देखिए HAL और एयरबस की पार्टनरशिप। इसमें आप देख सकते हैं HAL के नासिक फैसिलिटी में अब Airbus A320 की ओवरऑल मेंटेनेंस शुरू हो चुकी है।
यह सिर्फ एक सर्विस कॉन्ट्रैक्ट ही नहीं है बल्कि यह है HAL का ग्लोबल एयररोस्पेस इकोसिस्टम में ऑफिशियली एंट्री पास है, मतलब रेगुलर रिकरिंग रेवेन्यू फॉर इयर्स।
दूसरी न्यूज़ देखिए HAL बैग्स बिगेस्ट एवर डिफेंस डील 28th मार्च 25 को HAL ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से दो बड़े कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं।
इसकी वजह से स्टॉक एक ही दिन में 8% तक उछल गया और यूबीएस जैसे ग्लोबल इंस्टीट्यूशन ने एचएल का टारगेट भी बढ़ा दिया है।
मतलब केवल लोकल ही नहीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स भी अब इसमें बुलिश हैं।
तीसरी न्यूज़ देखिए। बीईएल ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से 2210 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट जीता है।
जिससे उसका FY 25 का ऑर्डर बुक और मजबूत हो गया है।
इसका सीधा मतलब है कि बीईएल को मिलने वाले ऑर्डर्स अब सिर्फ कंपोनेंट्स तक ही सीमित नहीं है।
बल्कि हाई एंड स्ट्रेटेजिक वॉरफेयर सिस्टम्स तक पहुंच चुके हैं।
इन डेवलपमेंट्स को देख के एक बात तो साफ है कि इंडिया सिर्फ डिफेंस प्रोडक्ट्स बना नहीं रहा बल्कि अब एक्सपोर्ट और ग्लोबल पार्टनरशिप्स के जरिए पूरा गेम बदलने की तैयारी में है।
और जब ऐसा होता है तो इंडेक्स और ईटीएफ दोनों लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग मशीनंस बन सकते हैं।
अगले सेगमेंट में हम जानेंगे कौन सा ईटीएफ इन अपॉर्चुनिटीज का सबसे सटीक फायदा देगा। ग्रो ईटीएफ या फिर एमओ डिफेंस ईटीएफ।
GROWW vs Motilal Oswal Nifty India Defence ETF
आइये इन दोनों ईटीएफ का हेड टू हेड मुकाबला करते हैं और देखते हैं कि कौन सा ईटीएफ वाकई आपके लिए फायदे का सौदा बन सकता है।
सबसे पहले देखते हैं ट्रेडिंग वॉल्यूम यानी कौन अधिक एक्टिव है।
तो ग्रो डिफेंस ईटीएफ का मंथली वॉल्यूम है 3- 5 लाख। जबकि मोतीलाल ओसवाल डिफेंस ईटीएफ का है 15 – 20 लाख। इसका मतलब क्या हुआ?
देखिए MODEFENCE ETF ज्यादा लिक्विड है यानी खरीदना और बेचना दोनों ही आसान है।
तो यहां पर ट्रेडर्स और एक्टिव निवेशकों के लिए यह बहुत बड़ा फायदा है।
अब दूसरा पॉइंट है एयूएम यानी कौन अधिक भरोसेमंद है?
तो ग्रो डिफेंस ईटीएफ का एयूएम है 92 करोड़ का। वहीं पर मोतीलाल ओसवाल डिफेंस ईटीएफ का है 134 करोड़ का।
अब AUM जितना ही बड़ा होगा उतनी इन्वेस्टर्स कॉन्फिडेंस और स्टेबिलिटी होगी।
यहां पर भी मोतीलाल ओसवाल डिफेंस ईटीएफ बाजी मारता दिखता है।
अब एक्सपेंस रेशियो की बात करें यानी किस में खर्चा कम है तो GROWWDEFNC ETF का एक्सपेंस रेश्यो है 0.43% वहीं मोतीलाल ओसवाल डिफेंस ईटीएफ का एक्सपेंस रेश्यो है 0.40% |
हल्का सा फर्क है लेकिन लंबी अवधि में यह 0.03% भी मैटर करता है।
अब देखते हैं इंपैक्ट कॉस्ट यानी ट्रेड करने में किस में ज्यादा स्लिपेज है। देखिए ग्रो डिफेंस ईटीएफ में इंपैक्ट कॉस्ट है 0.31 वहीं पर मोतीलाल ओसवाल डिफेंस में है 0.13 इसका मतलब है ग्रो ईटीएफ में खरीदते वक्त आपको थोड़ी ज्यादा स्लिपेज्ड लगेगी जो एक्टिव ट्रेडर्स के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है।
मैं रिकमेंड करूंगा कि इंपैक्ट कॉस्ट के बारे में और अधिक जानने के लिए आप मेरी वीडियो जरूर देखें। |
अब देखते हैं ट्रैकिंग एरर यानी कौन सा ईटीएफ इंडेक्स को ज्यादा एक्यूरेटली फॉलो करता है।
तो ग्रो का ट्रैकिंग एरर है 0.13%। वहीं मोतीलाल ओसवाल का है 0.10% |
देखिए दोनों ही काफी अच्छे हैं लेकिन मोतीलाल ओसवाल ईटीएफ जरा सा ज्यादा सटीक है|
तो यहां पर निष्कर्ष क्या है?
देखिए अगर आप एक ट्रेडर हैं और लिक्विडिटी ही आपकी प्रायोरिटी है तो Motilal Oswal Nifty India Defence ETF आपका साथी बन सकता है |
मगर अगर आप सिर्फ नाम या फिर ऐप कन्वीनियंस के चलते Groww Nifty India Defence ETF चुन रहे हैं तो थोड़ा सा सोचना पड़ेगा क्योंकि मोतीलाल ओसवाल ईटीएफ ज्यादा वॉल्यूम्स कम कॉस्ट और बेटर ट्रैकिंग देता है | आगे आपकी चॉइस|
अगर अगर आप एसआईपी या लॉन्ग टर्म के लिए डिफेंस एक्सपोज़र चाहते हैं तो एक और रास्ता है डिफेंस इंडेक्स फंड और यही आता है एक बड़ा अनएक्सेक्टेड ऑब्जरवेशन जो मैं आपको अभी बताता हूं।
अब आप हो जायेंगे हैरान!
देखिए अब अगर आप मोतीलाल ओसवाल के ही ईटीएफ और डिफेंस इंडेक्स फंड को कंपेयर करेंगे तब शॉकिंगली एक तो इंडेक्स फंड का एयूएम अधिक है और दूसरा इसका एक्सपेंस रेशियो ईटीएफ से भी काफी कम है।
अब ऐसा क्यों है? आप इसका कोई कारण बता सकते हैं क्योंकि आमतौर पर ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो इंडेक्स फंड से कम होते हैं।
आपका क्या कहना है इस पर? कमेंट में बताइए।
इसलिए आप देखिए कि कम एक्सपेंस रेशियो के कारण defence index fund के रिटर्न्स भले ही पॉइंट्स में ही सही पर थोड़े से अधिक दिख रहे हैं।
तो इस कंपैरिजन को देख के तो लॉन्ग टर्म के लिए डिफेंस इंडेक्स फंड एक बेहतर विकल्प लगता है एस कंपेयर टू ईटीएफ।
अब चलते हैं कंक्लूजन पर और समझते हैं कि आपको कहां पर इन्वेस्ट करना चाहिए।
डिफेन्स में कहाँ निवेश करें?
देखिए सबसे पहली बात यह है कि यहां पर जो भी ईटीएफ या फिर म्यूचल फंड्स के बारे में बात की गई है उनमें मेरी निवेश की कोई भी राय नहीं है |
दूसरा, इसकी कोई गारंटी नहीं कि पुराने रिटर्न्स फ्यूचर में भी रिपीट हो।
देखिए निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स ने पिछले बीते 2 महीनों में जबरदस्त तेजी दिखाई है और इसकी वजह सिर्फ टेक्निकल चार्ट्स नहीं है बल्कि ग्राउंड रियलिटी भी है।
स्ट्रांग अर्निंग्स, बड़े ऑर्डर बुक और गवर्नमेंट पुश के कारण एचएल, बीईएल, मझगाँव डॉक और सोलर इंडस्ट्रीज जैसे लीडर्स ना सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट्स जीत रहे हैं बल्कि भारत की रक्षा को आत्मनिर्भरता की नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
ऊपर से जियोपॉलिटिकल टेंशंस और डिफेंस पुश में तेजी।
इसका मतलब है शॉर्ट टर्म करेक्शंस के बाद अब यह सेक्टर एक और तेज उड़ान भर सकता है, ऐसा मेरा मानना है।
अब समझिए मेरे हिसाब से डिफेंस इंडेक्स मीडियम टर्म के लिए एक बेहतरीन दांव साबित हो सकता है।
पर हां टेक्निकल चार्ट्स के हिसाब से इसमें अगली तेजी से पहले थोड़ी सी गिरावट आ सकती है जैसा मैंने आपको शुरुआत में ही बताया।
लेकिन यही तो मौका होता है स्मार्ट एंट्री का।
अब अगर हम लोग परफॉर्मेंस के साथ में एयूएम और खर्चे की बात करें तो फिर defence index fund अपने ईटीएफ वर्जन से भी बेहतर नजर आते हैं।
वैसे अगर आप डिफेंस के अलावा 5 बेस्ट थीम्स और टॉप 10 ईटीएफ के बारे में जानना चाहते हैं तो आज ही देखें यह वीडियो हमारे चैनल पर।