Edelweiss BSE Internet Economy Index Fund: क्या है इसमें ख़ास? 🚀

क्या आपको पता है कि अभी मार्केट में इंडिया का पहला प्योर प्ले Internet Focused Fund लांच हो चुका है और यकीन मानिए यह सिर्फ एक यूनिक इंडेक्स फंड ही नहीं है बल्कि फ्यूचर में उड़ान भरने का एक लांचपैड है।

इस फ्यूचरिस्टिक फंड का नाम है Edelweiss BSE Internet Economy Index Fund जिसे हम भारत की इंटरनेट इकॉनमी की नब्ज़ यानि पल्स ऑफ द इंडियाज़ इंटरनेट इकॉनमी भी कह सकते हैं।

सोचिए आज जब हर दिन करोड़ों यूपीआई ट्रांजैक्शंस हो रहे हैं, लाखों फूड डिलीवरीज हो रही हैं और हर सेकंड इंटरनेट आपके जीवन को बदल रहा है।

अब असली सवाल यह है कि क्या आप इस डिजिटल रिवॉल्यूशन से पैसा भी बना पा रहे हैं या अभी भी पुराने ट्रेडिशनल फंड्स में ही फंसे हुए हैं |

तो अगर आप सच में भारत के डिजिटल भविष्य का हिस्सा बनना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िए।

BSE Internet Economy Index – भविष्य का फंड

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क्या आप जानते हैं कि इस नए एडलवाइज़ बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स फंड के पास में एक फ्यूचरिस्टिक एज है।

क्या?

देखिए, IAMAI-Kantar रिपोर्ट के अनुसार आने वाले 5 सालों में भारत की डिजिटल इकॉनमी में पांच गुना ग्रोथ होने वाली है।

जी हां, 2022 में जहां इंडिया की डिजिटल इकॉनमी का साइज सिर्फ 165 बिलियन था, वहीं 2025 तक यह $350 बिलियन तक पहुंच जाएगा।

और फिर 2030 आते-आते सीधा $1000 बिलियन डॉलर यानी भारत एक ट्रिलियन डॉलर का महाशक्तिशाली डिजिटल बाजार बन जाएगा।

सोचिए आज जो डिजिटल इकॉनमी जीडीपी का सिर्फ 4 – 5% हिस्सा है। वहीं 2030 तक भारत की जीडीपी का 12 – 13% हिस्सा बनने वाली है।

और सबसे बड़ी बात यह है कि यह ग्रोथ भारत की पूरी जीडीपी से चार गुना तेज रफ्तार से हो रही है।

इसका मतलब जो आज इस डिजिटल रफ्तार का हिस्सा बन गया वही कल करोड़ों का मालिक बनेगा।

तो अब सवाल यह है कि क्या आप इस सुनहरे मौके में अभी से इन्वेस्टमेंट करने के लिए तैयार हैं या फिर जब सबके पास में इस फंड के ग्रोथ से जुड़ी हुई कहानियां होंगी तब आप सोचते रहेंगे।

तो आगे जानेंगे कि कैसे आप इस ग्रोथ स्टोरी का सीधा हिस्सा बन सकते हैं।

BSE Internet Economy Index क्या है?

देखिए अगर आप असली डिजिटल इंडिया की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आपको जानना होगा बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स के बारे में।

अब यह कोई आम इंडेक्स तो है नहीं।

यह उन कंपनियों का पावर हाउस है जिनका बिजनेस सीधा-सीधा इंटरनेट पर टिका हुआ है।

जैसे कि Zomato, Paytm, Airtel, पॉलिसी बाजार और नायका जैसी कंपनियां।

यह इंडेक्स बना है BSE 500 के बड़े खिलाड़ियों में से चुनी गई 20 खास कंपनियों से जो प्योर इंटरनेट ड्रिवन ग्रोथ को रिप्रेजेंट करती हैं।

यह इंडेक्स लांच हुआ था 10th अक्टूबर 2024 को और हर छ महीने में यानी जून और सितंबर में इसे रिबैलेंस किया जाता है ताकि यह इंडेक्स हमेशा सबसे तेजी से उभरती हुई कंपनियों के साथ में अपडेटेड रहे।

सीधे-सीधे शब्दों में कहें तो यह इंडेक्स इंडिया की इंटरनेट रेवोल्यूशन की असली धड़कन है।

अब यहां पर सवाल यह है कि क्या आप इस डिजिटल दौड़ में शामिल हैं या अभी भी पीछे की ही सोच रहे हैं? चलते हैं अपने अगले बड़े फंडे पर।

अब ध्यान से पढियेगा दोस्तों क्योंकि यह वो बातें हैं जो आपके पूरे निवेश के नजरिए को बदल सकती हैं।

क्या है इसमें ख़ास?

सबसे पहली बात इस फंड में कोई पुरानी ट्रेडिशनल आईटी कंपनी नहीं है।

ना ही Infosys, ना TCS, ना Wipro और ना HCL जैसी कंपनियां।

दूसरी बात यह फंड 100%  इंटरनेट इकॉनमी पर फोकस करता है।

यानी उन कंपनियों में जो सीधे-सीधे आपके और मेरे जैसे कंज्यूमर से जुड़ी हैं और इंडिया के डिजिटल फ्यूचर को एक नया आकार दे रही हैं।

तीसरी बात यहां पर आपका निवेश हो रहा है सिर्फ फ्यूचर रेडी सेक्टर्स में जैसे कि ई-कॉमर्स, fintech, डिजिटल ब्रोकिंग और टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर।

अब चौथी बात यह है कि इस फंड का पूरा ध्यान इंडिया के डोमेस्टिक ग्रोथ पर है और यह एक्सपोर्ट वाली कंपनियों को छोड़ करके जैसे कि आईटी सीधे-सीधे ही भारतीय उपभोक्ताओं पर ही निवेश करती हैं|

और सबसे बड़ी बात यह है एक फ्यूचरिस्टिक थीमैटिक अपॉर्चुनिटी खास आपके लिए।

अब सोचिए ऐसा मौका रोज-रोज़ नहीं आता।

क्यों? है ना?

अब यह बात आपको जानना बहुत ही जरूरी है कि सिर्फ नाम में डिजिटल कह देने से कोई सच्चा इंटरनेट फंड नहीं हो जाता।

अब अगर आप दूसरी तरफ देखें तब निफ्टी इंडिया डिजिटल इंडेक्स में 46% ट्रेडिशनल आईटी कंपनियां भरी हुई हैं।

बीएसई टेक इंडेक्स में तो 70% तक ट्रेडिशनल आईटी का बोझ है और जो एक्टिव टेक्नोलॉजी फंड्स हैं उनमें भी लगभग 47% ट्रेडिशनल आईटी स्टॉक्स हैं।

लेकिन BSE Internet Economy Index का पूरा-पूरा 100% एलोकेशन सिर्फ और सिर्फ असली इंटरनेट बिजनेस में ही है।

मतलब यह है असली भारत के डिजिटल कंज्यूमर ग्रोथ में निवेश करने का मौका ना कि सिर्फ पुराने आईटी सर्विस प्रोवाइडर्स पर दांव लगाने का।

तो सोचिए मत क्योंकि अगली डिजिटल क्रांति में वो ही आगे रहेगा जो कि सही प्लेटफार्म को चुनेगा।

Edelweiss BSE Internet Economy Index Fund Portfolio Weightage

अब ध्यान से पढ़िए क्योंकि यहां पर सामने आ रही है भारत के डिजिटल भविष्य की असली तस्वीर।

BSE  इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स सिर्फ अलग-अलग कंपनियों का मिक्स नहीं है बल्कि यह एक सॉलिड नेटवर्क है।

जहां पर हर खिलाड़ी एक दूसरे को ताकत देते दिखते हैं।

सबसे पहला है प्लेटफार्म इनेबलर्स जैसे कि Zomato, NYKAA, India Mart जो कि ईकॉम और रिटेल को सुपर चार्ज कर रहे हैं।

फिर फाइनेंसियल प्लेटफॉर्म्स जैसे कि Policy Bazar Angel One, मोतीलाल ओसवाल इत्यादि जो आपके इन्वेस्टमेंट और इंश्योरेंस डिसीजंस को इंटरनेट से जोड़ रहे हैं।

उसके बाद है डिजिटल कंज्यूमर सर्विज जैसे कि Info Edge, Paytm, BLS International जो हर भारतीय का डिजिटल जीवन आसान बना रहे हैं।

फिर आता है सर्विस फैसिलिटेटर्स यानी CAMS और KFin Tech जो फंड ट्रांसफरर्स और इन्वेस्टमेंट्स के बैक एंड को सीमलेस बना रहे हैं।

उसके बाद मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर यानी MCX, IRCTC, IEX जैसे स्टॉक्स जहां से ट्रेडिंग, टिकट बुकिंग और पावर मार्केट तक सब कुछ ऑपरेट हो रहा है।

फिर लास्ट में है इंफ्रास्ट्रक्चर फाउंडेशन यानी Bharti Airtel, Tata Com, Tejas नेटवर्क जैसी कंपनियां जो इस पूरे डिजिटल सपने को 5G और फाइबर नेटवर्क से मजबूत कर रहे हैं।

इसका मतलब हुआ कि यह सिर्फ अलग-अलग कंपनियां नहीं बल्कि एक फ्यूचरिस्टिक ग्रोथ इंजन है जो मिलकर के इंडिया को डिजिटल सुपर पावर बनाने वाले हैं।

तो सोचिए कि अगर आप इस पूरे नेटवर्क का हिस्सा बन सकते हैं एक ही फंड के जरिए तो क्या आप मौका छोड़ेंगे?

आगे आपको बताएंगे कि कैसे इस नेटवर्क की ताकत आपके पोर्टफोलियो को भी सुपर चार्ज कर सकती है। पर उससे पहले देखते हैं इस इंडेक्स की परफॉर्मेंस।

BSE Internet Economy Index Performance

BSE Internet Economy Index Performance

अब जरा ध्यान से देखिए यह आंकड़े क्योंकि यही बताएंगे कि असली फ्यूचर किसके पास है।

अगर आप सोचते हैं कि सिर्फ आईटी या डिजिटल फंड्स में पैसा लगाना काफी है तो यह आंकड़े आपकी सोच को एक बड़ा झटका दे सकते हैं।

कैसे?

देखिए निफ्टी इंडिया डिजिटल का 5 साल का सीएजीआर है 30.2%, बीएसई टेक का है 26.3,  निफ्टी आईटी का है 26.1% |

लेकिन अब यह देखिए बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स का 5 साल का सीएजीआर है 35.4% का |

यानी बाकी सारे डिजिटल और आईटी फंड से भी कहीं ज्यादा तेज ग्रोथ और सिर्फ 5 साल ही नहीं 3 साल में भी सबसे तगड़ा सीएजीआर 17.9% और एक साल में भी जबरदस्त 16.9% के रिटर्न्स दिए हैं इस बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स ने।

अब जरा सोचिए जब बाकी इंडेक्स 5 साल में 26 – 30% के आसपास थे।

वहीं पर इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स ने सीधे-सीधे 35% से ऊपर की रफ्तार पकड़ ली थी।

तो यहां पर सीख क्या है?

देखिए पुरानी आईटी कंपनियां अब उतनी तेज ग्रोथ नहीं दिखा पा रही हैं।

खासकर अभी के माहौल में तो असली फ्यूचर अब इंटरनेट कंज्यूमर प्लेटफॉर्म्स ई कॉमर्स, फिनटेक और डिजिटल सर्विस में ही है।

तो सवाल यह है कि क्या आप अभी भी पुराने प्लेबुक्स में ही फंसे रहना चाहते हैं या फिर इंडिया के डिजिटल फ्यूचर के साथ उड़ान भरना चाहते हैं?

कमेंट में बताइए।

तो दोस्तों, अब शुरू होती है वह असली लड़ाई यानी कैलेंडर ईयर परफॉर्मेंस कंपैरिजन जहां पर हम देखेंगे कि किस इंडेक्स ने वाकई पैसा बनाया और किसने सिर्फ नाम ही चमकाया।

बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स – कैलेंडर परफॉरमेंस

BSE Internet Economy Index calendar performance

इस टेबल में सबसे पहले 2019 का इयरली डाटा देखिए तो इस समय बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स सबसे अधिक गिरा।

अब देखिए -6.5% के रिटर्न वहीं पर सबसे अधिक रिटर्न्स रहे 11.1% के।

उसके बाद आता है 2020 का समय यानी कोविड का क्रैश और उसके बाद की रिकवरी।

तो देखिए इस समय बीएसई इंटरनेट इकॉनमी का रिटर्न सबसे अधिक रहा और ऐसा इसलिए रहा क्योंकि कोविड में तो यह गिरा भी होगा पर रिकवरी के टाइम यह सबसे ज्यादा फास्ट रहा।

फिर 2021 में देखिए सबसे अधिक रिटर्न्स रहे निफ्टी इंडिया डिजिटल इंडेक्स के।

हालांकि बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स भी बहुत पीछे नहीं रहा बल्कि इसका रिटर्न भी देखिए 55.7% का।

फिर 2022 में आप देखिए निफ्टी इंडिया डिजिटल इंडेक्स सबसे अधिक गिरा और बीएसई टेक का रिटर्न अच्छा रहा।

हालांकि 2022 में इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स काफी ज्यादा गिरा 25.1% तक।

फिर 2023 और 24 में लगातार BSE इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स का रिटर्न काफी बेहतरीन रहा।

फिर अगर अभी की बात करें यानी जनवरी से अप्रैल 2025 तक की तो आप देख सकते हैं कि इस मार्केट करेक्शन में इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स सबसे अधिक गिरा -15.9 और वहीं पर BSE Tech का रिटर्न रहा -4.4% |

 तो अगर मान लें किसी ने 2019 के आसपास इस फंड में अगर इन्वेस्ट किया होता तो उसके एवरेज रिटर्न्स कितने होते?

क्योंकि आपने देखा ही कि इंटरनेट इंडेक्स पिछले इन छ सालों में दो बार काफी अधिक गिरा पर तीन बार इसके रिटर्न सबसे ज्यादा भी रहे।

तो यहां पर आप देख सकते हैं 6 साल के एवरेज रिटर्न।

Average returns of internet economy index

BSE Internet Economy Index ने दिए 22.6%। BSE 500 का रिटर्न रहा 18% का। Nifty India Digital इंडेक्स का रिटर्न रहा 19.8% का और BSE Tech इंडेक्स का रिटर्न रहा 14.53% ।

तो इस लिहाज से अगर आप देखेंगे तो इन बीते छ सालों में बेसिक इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स का एवरेज रिटर्न सबसे अधिक रहा।

बाजार की गिरावट में कौन सा इंडेक्स बेस्ट रहा?

अब आइए बात करते हैं रीसेंट मार्केट परफॉर्मेंस की यानी मार्केट तो गिरा लेकिन कौन सा इंडेक्स सबसे कम टूटा।

देखिए मार्केट जब गिरता है तो दो ही चीजें सामने आती हैं- एक डर और दूसरा हकीकत।

और आज हम आपको हकीकत दिखाएंगे कि गिरावट में कौन सा फंड टूटा और कौन सा टिका रहा।

सबसे पहले 26 सितंबर 2024 से लेकर के 11th अप्रैल 2025 तक।

यह वह समय था जब मार्केट अपने सबसे ऊंचे लेवल से गिरा और टेरिफ रिलेटेड अनाउंसमेंट ने सारे इन्वेस्टर्स को हिला दिया।

अब देखिए आंकड़े BSE 500 इंडेक्स गिरा -15.1,  Nifty India Digital Index गिरा -18%, BSE Tech -18.6%, एक्टिव फंड्स ने तो -34.95% तक की गिरावट दर्ज की।

लेकिन अब आता है ट्विस्ट।

BSE इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स सिर्फ -12.27% ही गिरा।

यानी दूसरों के मुकाबले कम टूट कर भी यह मजबूत बना रहा।

उसके बाद आता है शार्प फॉल पीरियड यानी 2 – 7th अप्रैल 2025 में कौन मजबूत रहा?

देखिए जब सिर्फ 5 दिन के अंदर पैनिक सेलिंग हुई तो BSE टेक गिरता है -8%, Nifty Digital -7.85%,  एक्टिव फंड्स -8% लेकिन इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स सिर्फ 5.05% ही गिरता है।

और सबसे मजेदार बात 2-11th अप्रैल 2025 यानी टेरिफ के अनाउंसमेंट के बाद देखिए जब सब -5% के करीब-करीब गिरे तो बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स सिर्फ -0.77% तक ही गिरा।

तो कुल मिलाकर के पैनिक में भी यह फंड सबसे ज्यादा स्टेबल रहा जिसका कारण था प्योर डोमेस्टिक प्ले।

देखिए ज्यादा गिरे बिना टिके रहना और फिर तेजी से बाउंस करना यही होता है लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग का असली रास्ता।

तो सोचिए क्या आप ऐसी स्टेबिलिटी और फ्यूचरिस्टिक ग्रोथ एक साथ चाहते हैं?

कमेंट में जरूर बताइए।

Draw Down & Recovery Comparison

Edelweiss Fund performance

अब आइए बात करें ड्रॉडाउंस एंड रिकवरी की क्योंकि यहीं पर छुपा है एक बड़ा निवेश का सबक।

देखिए जब भी मार्केट गिरता है यानी जब ड्रॉडाउन होता है तो ज्यादातर लोग डर कर भाग जाते हैं।

लेकिन असली पैसे वही बनाते हैं जो गिरावट के बाद में टिके रहते हैं।

देखिए बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स में सबसे गहरी गिरावट हुई लगभग -60% तक 2019-20 वाले समय में |

लेकिन उसके बाद हुआ क्या?

सिर्फ एक साल के अंदर इसे 151% का जोरदार कमबैक भी मिला और 3 साल में भी शानदार 37% के आसपास का कंपाउंडेड रिटर्न्स।

कंपेयर कीजिए- निफ्टी डिजिटल इंडेक्स गिरा था -47% फिर 144% का उछाल, बीएसई टेक इंडेक्स थोड़ा कम गिरा -31% लेकिन बाउंस में सिर्फ 115% तक और एक्टिव फंड्स ने तो और भी धीमी रिकवरी दिखाई|

तो यहां पर सीख क्या है?

देखिए गहरी गिरावट के बाद में तेज रिकवरी होती है उन थीम्स में जिनका फ्यूचर सबसे ब्राइट होता है जैसे कि बीएसई इंटरनेट इकॉनमी इंडेक्स|

इंटरनेट इकॉनमी जैसी थीम्स गिरती है तो जोर से लेकिन उठती है उससे भी ज्यादा ताकत से तो अगली बार जब भी मार्केट गिरे तो डरिए मत।

तैयार रहिए वापसी का जश्न मनाने के लिए।

आगे जानेंगे कि क्या आपको वाकई इस अपॉर्चुनिटी को अपने फेवर में यूज करना चाहिए या फिर नहीं।

क्या Edelweiss BSE Internet Economy Index Fund में निवेश करें?

सबसे पहली बात यहां पर जिन भी इंडेक्स या फिर म्यूच्यूल फंड्स का डिस्कशन हमने किया है उसमें मेरी निवेश की कोई भी राय नहीं है।

दूसरा इसकी कोई गारंटी नहीं कि पास्ट रिटर्न्स फ्यूचर में भी रिपीट हो।

अब जब हमने Edelweiss BSE Internet Economy Index Fund को इतनी गहराई से समझा तो एक बात तो बिल्कुल साफ है कि यह इंडेक्स वाकई में यूनिक और फ्यूचरिस्टिक है।

लेकिन साथ ही साथ में जितना बड़ा मौका उतना बड़ा उतार-चढ़ाव भी।

तो याद रखिए हाई ग्रोथ अपॉर्चुनिटीज हमेशा हाई वोलेटिलिटीज के साथ में आती हैं।

तो अगर आप इस फंड से सही तरीके से फायदा उठाना चाहते हैं तो आपको चाहिए सही प्लानिंग और सही नजरिया।

सबसे पहला पॉइंट शॉर्ट टर्म ट्रेडर बनकर इसमें कूदना भूल जाइए।

अगर आप लॉन्ग टर्म विज़न यानी कम से कम 5 से 7 साल तक लेकर के चलते हैं तो ही इस तरह के फ्यूचरिस्टिक फंड से असली कंपाउंडिंग का मजा ले सकते हैं।

दूसरा पॉइंट डायवर्सिफिकेशन भी जरूरी है क्योंकि सिर्फ एक थीम पर पूरा दांव लगाना रिस्की हो जाता है।

तो सबसे प्रैक्टिकल स्ट्रेटजी यहां पर क्या हो सकती है?

देखिए निफ्टी 500 जैसे ब्रॉड मार्केट फंड के साथ में 70-30 का कॉम्बिनेशन ट्राई किया जा सकता है।

मतलब 70% पैसा इस बीएसई इंटरनेट इकॉनमी फंड में जाए जो कि फ्यूचर की तेज ग्रोथ को पकड़ेगा और 30% पैसा निफ्टी 500 में जाना चाहिए जो कि स्टेबल और सॉलिड बेस देगा।

इससे होगा क्या कि वोलेटिलिटी भी बैलेंस होगी और फ्यूचर की बड़ी अपॉर्चुनिटीज भी आपके हाथ में रहेंगी।

तो आज के जमाने में सिर्फ सेफ रहना ही काफी नहीं है स्मार्ट बनना भी जरूरी है और स्मार्ट वही बनता है जो फ्यूचर के बदलते ट्रेंड्स को समझता है।

लेकिन साथ ही साथ अपने इन्वेस्टमेंट को बैलेंस भी करता है।

तो क्या आप तैयार हैं इंडिया की डिजिटल ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनने के लिए? और क्या आप सही तरीके से वोलेटिलिटी को हैंडल कर सकते हैं?

अगर हां तो फ्यूचर में आपके लिए मौके ही मौके हैं।

अगर आप जानना चाहते हैं कि अभी के लिए और कौन से बेस्ट म्यूच्यूल फंड्स आपके पोर्टफोलियो में होने चाहिए तो जल्दी से इस वीडियो को देखिए

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