टेक्निकल एनालिसिस एक ऐसा तरीका है जिसकी मदद से शेयर, कमोडिटी या करेंसी बाजार की गतिविधिओं द्वारा उत्पन्न आँकड़ों का विश्लेषण यानि analysis करके सिक्योरिटीज का मूल्यांकन किया जाता है |
Technical analysis (TA) सिर्फ बाजार के पैटर्न और ट्रेंड्स को देखते हुए यह पता लगाने में मदद करता है कि अभी आपको कौन सा स्टॉक खरीदना या बेचना चाहिए |
आज के इस पहले भाग में हम लोग बेसिक्स से शुरुआत करेंगे और जानेंगे कि आखिर यह टेक्निकल एनालिसिस होती क्या है और कैसे यह फंडामेंटल एनालिसिस से अलग है?
टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है | What is Technical Analysis in Hindi?
Technical analysis एक ऐसी तकनीकी जानकारी है जिसकी मदद से आप शेयर, कमोडिटी या करेंसी मार्केट में होने वाले price-action को समझ सकते हैं।
Share market में फंडामेंटल एनालिसिस की मदद से आप किसी स्टॉक की काफी सारी वित्तीय जानकारी ले सकते हैं पर आप यह नहीं पता लगा पाएंगे कि कब और किस कीमत पर आप उसे खरीद और बेच सकते हैं।
एक प्रकार से टेक्निकल एनालिसिस आपको यह सब बता सकता है और यह भी बता सकता है कि आपको किसी स्टॉक को कितना होल्ड करना चाहिए और उसमें कितना रिस्क है।
तो तकनीकी विश्लेषण की मदद से आप किसी भी स्टाक का एंट्री और एग्जिट प्वाइंट के साथ-साथ खतरों के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
Fundamental Analysis का एक उदाहरण
मान लें आपको किसी दुकान से मिठाई खरीदनी है और आप चाहते हैं कि बेहतरीन मिठाई खरीदी जाए।
अब आप जब बाजार जाते हैं तब देखते हैं कि यहां तो कई दुकानें हैं जो तरह-तरह की मिठाइयां बेच रहे हैं।
यह सब देख कर के आप कंफ्यूज हो चुके हैं और आपको यह नहीं समझ में आ रहा है कि इनमें से कौन सी सबसे अच्छी और फ्रेश मिठाई है।
आप या तो वहां की जनता से पूछते चलें कि भाई कौन सी दुकान पर बढ़िया मिठाई मिलती है या फिर आप खुद ही कुछ दुकानों में जाकर के थोड़ा-थोड़ा टेस्ट करके पता कर सकते हैं।
अब यहां प्रॉब्लम यह है कि कई लोगों से पूछने पर आप कंफ्यूज हो जाएंगे और खुद इतने सारे दुकान में से किसी एक बढ़िया दुकान का पता लगाना भी तनिक मुश्किल होगा।
Fundamental analysis भी काफी कुछ ऐसा ही है जहां आप हर शेर के बारे में रिसर्च करते हैं जैसे आपने हर दुकान पर मिठाई का टेस्ट लेकर किया था।
Technical Analysis का एक उदाहरण और अंतर
अब दूसरा तरीका है कि आप दूर से खड़े होकर के पूरे बाजार पर निगाह रखें और देखें कि किस मिठाई की दुकान पर पूरे दिन में सबसे अधिक भीड़भाड़ रहती हैं।
अब जिस दुकान में लगातार भीड़ आ रही है तब निश्चित है कि उस दुकान की मिठाईयां बढ़िया है और प्रसिद्ध होंगी।
99% चांस है कि आपको इस तरह से बढ़िया सौदा मिल जाएगा और एक परसेंट में आप गलत भी हो सकते हैं।
यही है टेक्निकल एनालिसिस जहां पर volume और price action के आधार पर सौदे किए जाते हैं जो अगर सही से किया जाए तब अधिकतर बार आपको फायदा ही होता है।
टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट को देख कर के यह पता लगाया जाता है कि ट्रेडर्स को क्या पसंद आ रहा है क्योंकि चार्ट में तरह-तरह के patterns बनते हैं जिनको समझ करके आप बाजार और उस शेयर की दिशा समझ सकते हैं।
अब देखा जाए तो यहां काफी सारे लोग हैं जो फंडामेंटल एनालिसिस को टेक्निकल एनालिसिस से बेहतर मानते हैं और बाकी लोग टेक्निकल को फंडामेंटल एनालिसिस से।
बहस लंबी है पर शेयर मार्केट में अच्छा वही है जिससे आपको फायदा पहुंचे, तरीका चाहे जो कुछ भी हो।
अगर मेरी बात करें तब मैं एक प्रकार से Technical और Fundamental analysis के combination पर विश्वास करता हूं जिसे मैं Technomental analysis का नाम देता हूं।
आप किस प्रकार के ट्रेडर या निवेशक हैं आपके ऊपर निर्भर करता है और आप हमें यह बात कमेंट करके भी बता सकते हैं।
टेक्निकल एनालिसिस के फायदे क्या क्या है | Advantages of Technical Analysis
TA का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे आप किसी भी asset जैसे equity, commodity या currency जैसे ढेरों चीजों पर कर सकते हैं जिनका पुराना डाटा मौजूद हो।
आपने जब भी फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में सुना होगा तब आपको कंपनी की बैलेंस शीट और इनकम स्टेटमेंट के बारे में भी बताया जाता होगा।
यह सही है कि आपको इसके फंडामेंटल एनालिसिस के लिए थोड़ा बहुत फाइनेंस का ज्ञान होना चाहिए जिससे आप शेयर का घाटा, मुनाफा, बैलेंस शीट, कैश फ्लो इत्यादि को बेहतर ढंग से समझ सके पर टेक्निकल एनालिसिस में आपको इन सब की कोई जरूरत नहीं है।
अगर एक बार आप समझ जाते हैं तब चार्ट को पढ़ना किसी कंपनी की बैलेंस शीट के पढ़ने से सरल होता है।
टेक्निकल एनालिसिस की मदद से आप शॉर्ट या मीडियम अवधि के ट्रेड्स में buy और sell सिगनल पा सकते हैं और यही इसका सबसे बड़ा फायदा है।
टेक्निकल एनालिसिस की कमियां क्या है | Disadvantages of Technical Analysis
यह ध्यान देने वाली बात है कि टेक्निकल एनालिसिस 100% सही परिणाम नहीं देता है। अब यहां बहुत सारे लोग हैं जो केवल 1 इंडिकेटर (जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे) लगाकर यह समझते हैं कि वह लोग मार्केट से बहुत पैसा छाप लेंगे तो यह गलत है।
मैं यहां यह नहीं कहता कि टेक्निकल एनालिसिस हर समय गलत रिजल्ट्स ही देता है पर हां इसे समझने के लिए काफी मेहनत और ऑब्जरवेशन की जरूरत पड़ती है जो समय के साथ ही आती है।
कई बार technical analysis से मिले-जुले सिग्नल भी मिलते हैं जो किसी ट्रेडर को कंफ्यूज कर देते हैं कि अब खरीदे या बेचे ।
इसलिए आपको टाइम फ्रेम और इंडिकेटर का बढ़िया प्रयोग करना आना चाहिए इसके बारे में हम आगे के लेख में बात करेंगे।
TA के विभिन्न तरीकों के कारण हो सकता है अलग-अलग ट्रेडर की राय अलग-अलग हो जिसे कई बार कन्फ्यूजन भी बढ़ जाता है ।
जैसे किसी स्टॉक के एनालिसिस के टाइम कोई वीकली चार्ट को देख रहा है तो कोई 15 मिनट का ही चाट देखता है इस हिसाब से भी रिजल्ट अलग अलग हो सकता है।
कई बार कुछ बढ़िया ट्रेड लेने के लिए कोई-कोई ट्रेडर उस प्राइस का इंतजार करता रह जाता है जिससे काफी समय भी नुकसान होता है ।
पर देखा जाए तो फंडामेंटल एनालिसिस में ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेशित रहते हैं इसलिए परफेक्ट entry-point बहुत खास मायने नहीं रखता है।
Technical analysis – क्या करें और क्या न करें | Do’s & Don’ts
अब बात करते हैं आपको टेक्निकल एनालिसिस के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
1. जैसे मैंने पहले बताया किया ऐसा ना सोचे कि अब टेक्निकल एनालिसिस तो सीख लिया है अब तो बस पैसे की बारिश ही होने वाली है।
अधिकतर देखा गया है कि तकनीकी विश्लेषण short से medium trade में ही बढ़िया results देता है अगर आप एक long-term investor हैं तब आपको fundamental analysis पर ध्यान देना चाहिए।
2. टेक्निकल एनालिसिस की मदद से आपका होल्डिंग पीरियड कुछ मिनट से लेकर के कुछ हफ्तों तक हो सकता है।
3. Technical analysis में शॉर्ट टर्म में बहुत बड़े फायदे की उम्मीद मत रखें ।
अगर होता है तब यह आपकी किस्मत ही है आप लगातार छोटे-छोटे ट्रेड्स लेते रहें पर कंसिस्टेंट मुनाफा कमाते रहे।
4. हो सकता है कि आपने जो भी ट्रेड लिया है वह गलत हो गया और अब आपको लॉस हो रहा है तब उसे long-term के लिए कभी भी होल्ड ना करें यह सोच कर कि आगे जाकर वह बढ़ ही जाएगा ।
5. हो सकता है आप आगे जाकर और भी नुकसान में आ जाएं इसलिए अगर आप शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं तब लॉस के समय उसे बुक करें और ट्रेड से निकल जाए।
उसके बाद आप दूसरे अच्छे ट्रेड की तलाश करें और सही समय पर ही ट्रेड को एग्जीक्यूट करें।
6. हमेशा मार्केट ट्रेंड के साथ ही जाएं । आपने एक बात सुनी ही होगी कि market discounts everything मतलब बाजार हर चीज को जैसे कि समाचार, रिजल्ट इत्यादि को अपने प्राइस में ही शामिल कर लेता है।
7. हो सकता है इसके बारे में आपको बाद में पता चले हैं पर शेयर की कीमतों और चार्ट्स में इसका प्रभाव पहले ही दिखने लगता है।
8. सबसे बड़ी बात ट्रेडिंग के समय आप अपने इमोशंस यानी भावनाओं को कंट्रोल में रखें जैसा चार्ट आपको बोल रहा है वैसा ही करें और अपने इमोशन को अपने ऊपर हावी न होने दें ।
कई बार ऐसा हो जाता है कि हमें कुछ स्टॉक से बहुत लगाव हो जाता है और तब हम लोग सही निर्णय नहीं ले पाते हैं ऐसा बिल्कुल भी ना करें।
9. आप टेक्निकल एनालिसिस में केवल मुख्य प्राइस एक्शन पर ही ध्यान दें।
टेक्निकल एनालिसिस में Price Action क्या होता है?
अब जब यहां पर प्राइस एक्शन की बात हो गई है तब जानते हैं कि इसका मतलब क्या है क्योंकि यही बेसिक आपको आगे भी काफी काम आएगा।
ओपन प्राइस | Open Price
ओपन प्राइस का मतलब है बाजार खुलने के समय की कीमत जब भी बाजार खुलता है तो उस समय होने वाले सबसे पहले ट्रेड या सौदे की कीमत ओपन कीमत कहीं जाती है।
हाई प्राइस | High price
High price यानी उस दिन की सबसे ऊंची कीमत जिस पर कोई सौदा हुआ है|
लो प्राइस | Low Price
Low price यानी दिन की सबसे निचली कीमत जिस पर सौदा हुआ।
क्लोजिंग प्राइस | Closing price
क्लोजिंग प्राइस का मतलब है बाजार बंद होने के समय की कीमत यानी दिन के आखिरी सौदे में जो कीमत रही होगी उसे closing price बोलते हैं ।
यह कीमत काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इससे पता चलता है कि दिन में शेयर कितना मजबूत रहा।
मान लें कि अगर closing price ऊपर है ओपनिंग प्राइस से तब उस दिन को तेजी का दिन माना जाता है |
इसी तरह से अगर बाजार बंद होने के समय की कीमत अगर खुलने के समय की कीमत से नीचे रहे तो उसे मंदी का दिन माना जाता है।
क्लोज या बंद कीमत को अगले दिन के लिए एक इंडिकेटर के तौर पर भी देखा जाता है।
और अंत में …
टेक्निकल एनालिसिस उन निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो किसी भी स्टॉक, कमोडिटी या करेंसी को खरीदनें या बेचने की दिशा निर्धारित करता है |
अगर आप शोर्ट टर्म ट्रेडर हैं तब तो ठीक है पर एक निवेशक के लिए पूरी तरह से इसपर निर्भर नहीं होना है और कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस पर भी ध्यान देना आवश्यक है |
आप मुझे कमेंट कर के बताएं कि आप एक ट्रेडर हैं या निवेशक और यह भी बताएं कि आप ट्रेडिंग से सम्बंधित और क्या जानकारी चाहते हैं |
इस उपयोगी जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करें जिससे अन्य लोगों को भी इसका फायदा मिल सके |
Apki website bhut achi hai. Sir, me 4 saal se bloging kr rha hu. Aur mera hindi me blog bhi hai. Kya mein apki website ke liye Guest post likh skta hu.
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