CAGR, XIRR, Absolute, Rolling, Trailing Returns क्या है?

Mutual Fund जो भी returns देते हैं वह पूरी तरह से उनकी परफॉर्मेंस पर ही निर्भर करता है।

क्या आपको पता है कि अलग अलग टाइमफ्रेम पर म्यूच्यूअल फंड के प्रदर्शन को जांचने के लिए अलग-अलग प्रकार के रिटर्न्स का उपयोग किया जाता है।

कुछ हरदम उपयोग किये जाने वाले रिटर्न है CAGR, XIRR, Absolute, Rolling और Trailing Returns |

हालांकि इतने तरह के रिटर्न्स काफी कंफ्यूजन पैदा करते है और अधिकतर निवेशकों को यह समझ में नहीं आता है कि इनका उपयोग कैसे करना है।

इसी मुश्किल को आसान करने के लिए आज हम बात करेंगे पांच प्रकार के रिटर्न्स (5 Types of Mutual Fund Returns) के बारे में जिन को समझ कर के आप बड़ी आसानी से किसी भी म्यूच्यूअल फंड की परफॉर्मेंस जांच सकते हैं।

एब्सोल्यूट रिटर्न क्या होता है | What is Absolute Return in Hindi?

Absolute Return का Hindi Meaning होता है पूर्ण प्रतिफल |

अगर हम म्युचुअल फंड के सन्दर्भ में बात करें तो absolute return का मतलब है एक निश्चित समय अवधि के लिए उस फंड का रिटर्न कितना रहा है और इसी समय में आपका प्रॉफिट और लॉस कितना है?

एब्सोल्यूट रिटर्न को एक तरह से हम अपने इन्वेस्टमेंट पर कमाया हुआ कुल रिटर्न कह सकते हैं जिसमे समय का कोई भी कैलकुलेशन नहीं होता है।

पूर्ण रिटर्न को एक प्रकार से point-to-point रिटर्न भी कहा जा सकता है और यहां पर ध्यान देने की बात यह है कि इस रिटर्न का कंपैरिजन म्यूच्यूअल फंड के बेंचमार्क रिटर्न से नहीं होता है।

अब अगर बात करें कैलकुलेशन की तो यह सबसे ज्यादा सरल होता है जिसका फार्मूला यह है-

Absolute returns = [(Selling Price-Cost Price)/Cost Price] x 100

तो चलिए इसी बात को एक उदाहरण से समझते हैं |

मान ले किसी म्यूच्यूअल फंड की खरीदी ₹50 है और उसे बेचा गया ₹70 में |

अगर आपको इसका एब्सोल्यूट रिटर्न निकालना है तो वह आएगा

= [(70 – 50)/ 50] *100 = 40%

Absolute Returns की सीमायें

ऊपर बताये गए फार्मूले में अपने देखा कि यहां पर समय का कोई काम नहीं है इसीलिए आमतौर पर इसकी कैलकुलेशन 1 साल से कम समय के लिए ही की जाती है तभी यह सही वैल्यू देता है।

अपने किसी भी म्युचुअल फंड की वेबसाइट पर 1 हफ्ते, 1 महीने, 3 महीने या 6 महीने के रिटर्न्स देखे होंगे तो वह एब्सलूट रिटर्न ही होते हैं।

अब अगर आप पूछेंगे कि हमें रिटर्न 1 साल से ऊपर के लिए कैलकुलेट करना है तो फिर क्या ।

तो उसके लिए हम लोग annualized returns या फिर CAGR को कैलकुलेट करते हैं जो अधिकतर वेबसाइट पर दिखाया जाता है।

कई बार ऐसा होता है कि किसी भी म्युचुअल फंड में आपको absolute दिखाया जाता है और आप उस रिटर्न को देख करके कंफ्यूज हो सकते हैं।

क्योंकि अगर इसे 1 साल से ऊपर वाले समय के लिए कैलकुलेट किया जाएगा तो यह काफी बड़ी संख्या को दिखाएगा जिससे यह लगने लगेगा कि इस म्यूच्यूअल फंड ने तो धुआंधार रिटर्न्स दिए हैं।

अब आप यह स्क्रीनशॉट देखें जिसमें किसी म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न को बताया गया है और इसमें अब देख सकते हैं कि एक तरफ एब्सोल्यूट रिटर्न है तो दूसरी तरफ एनुअल रिटर्न है।

absolute returns

सबसे पहले तो आप यहां पर 1 साल का समय देखें तो आप पाएंगे कि absolute और annualized  रिटर्न दोनों बराबर है लेकिन बात बिगड़ जाती है जब 1 साल के ऊपर के रिटर्न्स कैलकुलेट करने होते हैं।

जैसे आप 5 साल का रिटर्न देखें तो यहां पर एब्सलूट रिटर्न आ रहा है 163% पर ऐनुलाइज्ड रिटर्न 21.33% ही आ रहा है।

वहीं पर अगर कोई इस म्यूच्यूअल फंड का since inception यानि जब से यह फंड चल रहा है तब से उसका रिटर्न देखें तो वह आ रहा है 671% पर अगर इसका annualized returns देखा जाए तो वह आता है 23.97%।

तो देखा आपने, अगर मान लें कि किसी को केवल absolute return को दिखाया जाए तो फिर इससे कोई भी कंफ्यूज हो सकता हैं और यह समझ सकता हैं कि म्यूच्यूअल फंड ने अंधाधुंध रिटर्न्स दिए हैं।

सीएजीआर क्या होता हैं | What is CAGR in Hindi?

सीएजीआर शब्द को शेयर बाजार और म्यूच्यूअल फंड के द्वारा सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है |

CAGR का Full Form है Compounded annual growth rate और इसका Hindi Meaning है चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर |

जहाँ पर absolute returns एक साल से कम समय के लिए ही सही काम करते हैं वहीँ 1 साल से ऊपर वाले रिटर्न कैलकुलेशन के लिए सीएजीआर का प्रयोग किया जाता है |

CAGR एवरेज सालाना ग्रोथ रेट को कैलकुलेट करता है किसी खास समय अवधि के लिए।

यहां आप समझे की यह सालाना ग्रोथ की एवरेज वैल्यू लेता है ।

इस बात को कुछ इस ढंग से समझें कि मान ले किसी म्युचुअल फंड का सीएजीआर रिटर्न दिखाया गया है 3 साल में 12% तो इसका मतलब यह नहीं है कि हर साल इसनें 3 साल तक के लिए 12% के रिटर्न दिए हैं जैसा आमतौर पर किसी एफ.डी. या आर.डी. में रिटर्न फिक्स होता है वैसा म्युचुअल फंड में नहीं होता है।

खैर बने रहें हमारे साथ इसके बारे में हम अभी थोड़ी देर में बात करेंगे।

सबसे पहले बात करते हैं कि CAGR को calculate कैसे किया जाता है और आप इसे बड़ी ही आसानी से एक्सेल की मदद से कैलकुलेट कर सकते हैं

CAGR = [(Selling Price/Purchase Price) ^ (1 / Number of Years)] – 1

अब चलिए इसे एक उदाहरण से समझा जाए –

मान लें किसी म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट किया गया ₹100000 जिसकी वैल्यू 5 साल बाद हो चुकी है ₹150000 |

तो अगर पहले बताए गए फार्मूले से इसका सीएजीआर रिटर्न कैलकुलेट किया जाएगा 5 साल में तो वह आएगा –

= [(150000/100000) ^ (1 / 5)] – 1 = 8.45%

तो आपको म्युचुअल फंड की वेबसाइट पर जो भी 1 साल, 3 साल, 7 साल या 10 साल के रिटर्न दिखते हैं वह सीएजीआर रिटर्न ही होते हैं और इसका उपयोग अधिकतर म्यूच्यूअल फंड के लॉन्ग टर्म रिटर्न को कंपेयर करने के लिए किया जाता है।

CAGR की सीमायें 

अब चलिए उस बात पर आते हैं जो हमने आपको बताया था कि सीएजीआर एक प्रकार का average rate of return होता है और यह rate of return नहीं होता है जैसा आपको किसी फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में मिलता है।

इस बात को समझने के लिए आप यह ग्राफ देखें इसमें आप देख सकते हैं की किसी भी म्यूच्यूअल फंड का रिटर्न एक जैसा नहीं होता क्योंकि साल दर साल ऊपर नीचे होता रहता है कभी ऊपर कभी नीचे।

cagr return

अगर आप पहले ग्राफ पर ध्यान देंगे तब यह बताता है कि कैसे हर साल इसमें 20% का फिक्स्ड रिटर्न मिल रहा है पर इस तरह से म्यूच्यूअल फंड या स्टॉक्स रिटर्न नहीं देते |

अब आप दूसरा ग्राफ देखें जिसमें रिटर्न एक जैसा नहीं है पर वह साल दर साल घटता या बढ़ता रहता है |

अंत में आप जो 20% का CAGR देख रहे हैं दूसरे ग्राफ में वह बीते सालों के रिटर्न का एवरेज वैल्यू होता है |

इसलिए हम कह सकते हैं कि CAGR बाजार में होने वाले उतार चढ़ाव यानि वोलाटिलिटी को नहीं दिखाता बल्कि उन सबको एवरेज कर देता है |

इसका मतलब आम निवेशक सीएजीआर रिटर्न को देखकर यह न समझें की हर साल आपको CAGR की दर से ही रिटर्न मिलने वाला है |

CAGR Returns का उपयोग अधिकतर Lumpsum Investment के लिए किया जाता है पर अगर आपका इन्वेस्टमेंट डायनामिक है जैसे की SIP तब उसके लिए इसे उपयोग नहीं किया जा सकता |

ट्रेलिंग रिटर्न क्या होता है | What is Trailing Returns in Hindi?

Trailing का मतलब होता है पिछला यानि ट्रेलिंग रिटर्न्स की मदद से एक खास समय अवधि में किसी भी म्यूच्यूअल फंड के रिटर्न को कैलकुलेट किया जा सकता है।

Trailing return की खासियत यह है कि इसमें आप आज की तारीख तक के रिटर्न को कैलकुलेट कर सकते हैं पुराने किसी भी तारीख से लेकर।

एक प्रकार से देखा जाए तो यह absolute returns की तरह से ही point-to-point बेसिस पर काम करता है मगर यह उससे ज्यादा एडवांस और एक्यूरेट है क्योंकि इसमें टाइम का फैक्टर भी जोड़ा जाता है।

अगर आप trailing return का फार्मूला देखेंगे तो आपको काफी कुछ है CAGR टाइप का लगेगा मगर इस फार्मूला में खासतौर से म्यूच्यूअल फंड की NAV को कैलकुलेशन के लिए शामिल किया जाता है।

तो ट्रेलिंग रिटर्न्स को निकालने का फार्मूला है –

Trailing Returns = [(Current NAV/Starting NAV) ^ (1 / Number of Years)] – 1

अब आइए इसी को एक उदाहरण से समझें –

मान लें किसी म्यूच्यूअल फंड की current NAV है 250 और 5 साल पहले NAV थी 120।

तो अगर आपको पिछले 5 साल से लेकर के आज तक के रिटर्न को निकालना है तो फिर उसे कहेंगे trailing returns और जब आप इन वैल्यू को फार्मूले में डालेंगे तो फिर वह निकालकर आता है –

= [(250/120) ^ (1 / 5)] – 1= 15.8%

Trailing Return की खासियत यह है कि यह absolute return से ज्यादा एडवांस है क्योंकि इसमें annualized return भी शामिल होता है इसलिए यह अधिक सही माना जाता है।

जैसा इसके नाम में ही शामिल है – ट्रेलिंग रिटर्न्स की मदद से आप किसी भी म्यूच्यूअल फंड की पिछली परफारमेंस को पता कर सकते हैं।

रोलिंग रिटर्न्स क्या होता है | What is Rolling Returns in Hindi?

Rolling Returns को भी आप किसी भी समय तक के लिए कैलकुलेट कर सकते हैं कंटीन्यूअस बेसिस पर।

सभी प्रकार के रिटर्न्स में यह सबसे अधिक सही माना जाता है क्योंकि आप इसे एक तरह का trailing return ही समझे जोकि किसी खास फ्रीक्वेंसी यानी डेली, वीकली या मंथली बेसिस पर निकाला जाता है।

एक तरह से कहा जाए तो rolling return किसी खास समय अवधि के लिए annualized return का ही एवरेज वैल्यू होता है।

किसी भी म्यूच्यूअल फंड की परफॉर्मेंस को सही ढंग से जांचने के लिए रोलिंग रिटर्न्स बहुत ज्यादा काम आता है क्योंकि इसकी मदद से आप फंड की वोलैटिलिटी यानि उतार चढ़ाव के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं।

Rolling return को कैलकुलेट करने का फार्मूला है –

Rolling Returns = [(1+ R1%)*(1+R2%)*…..(…) ^ (1 / Number of Years)] – 1

ऐसे देखने पर तो आपको इसका फार्मूला बिल्कुल सीएजीआर रिटर्न टाइप का लग रहा होगा मगर अब आप यह कैलकुलेशन देखें जिससे आपकी सारी कन्फ्यूजन दूर हो जाएगी और आपको समझ में आ जाएगा कि क्यों रोलिंग रिटर्न सबसे अधिक एक्यूरेट होता है।

हम जानते हैं कि म्यूचुअल फंड के जो भी रिटर्न होते हैं वह हर साल ऊपर नीचे होते हैं तो मान ले कि कोई म्यूच्यूअल फंड है जिसने पहले साल में दिए हैं 10% के रिटर्न दूसरे साल में 8% रिटर्न हैं और तीसरे साल में 12% के रिटर्न ।

अगर इस म्यूच्यूअल फंड का रोलिंग रिटर्न निकालना तो आपको हर साल के लिए CAGR निकाल करके उसका एवरेज लेना पड़ेगा जिसे आप इस कैलकुलेशन में देख सकते हैं।

Rolling Returns = [(1 + 0.10) * (1 + 0.08) * (1 + 0.12)]^(1/3) – 1 = 9.16%

तो रोलिंग रिटर्न के इस फार्मूले के हिसाब से यह निकाल कर आता है 9.16% |

Rolling Returns क्यों है Best?

जैसा मैंने आपको पहले ही बताया था कि सभी प्रकार के रिटर्न में रोलिंग रिटर्न ही सबसे बेहतरीन है अगर आपको किसी म्युचुअल फंड की consistency और performance को जांचना हो।

Rolling Return की मदद से आप किसी भी प्रकार के म्युचुअल फंड के बीच में तुलना करके यह पता कर सकते हैं कि कौन सा बेहतरीन परफॉर्म कर रहा है इसे आगे हम एक उदाहरण से समझेंगे।

अगर मान लें कि आपको किसी खास समय अवधि में म्यूच्यूअल फंड के highest, lowest और average रिटर्न को पता करना हो तो आप rolling return की मदद ले सकते हैं।

रोलिंग रिटर्न की मदद से आपको यह भी पता चल जाएगा की कितनी बार उसे म्युचुअल फंड में इस इस प्रकार के रिटर्न दिए हैं।

उदाहरण के लिए आप नीचे दिया हुआ यह ग्राफ देखें जिसमें हमने SBI इक्विटी हाइब्रिड फंड का कंपैरिजन उसके बेंचमार्क से किया है।

rolling return graph
Credit: Advisorkhoj

इस ग्राफ को देखते ही आपको यह पता चल जाएगा की एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड ने हमेशा अपने बेंचमार्क इंडेक्स को बीट किया है और उसके ऊपर के रिटर्न दिए हैं।

अब हम इस रिटर्न डिस्ट्रीब्यूशन वाले सेक्शन को देखें –

यहां पर आप देख सकते हैं की 0 से लेकर के 8% तक का रिटर्न एसबीआई हाइब्रिड इक्विटी फंड और उसके इंडेक्स ने एक बार भी नहीं दिया है यानि पिछले 5 सालों से उसके रिटर्न 8% से ऊपर के रहे हैं।

वहीं पर 8 से 10% में देखेंगे तो म्यूचुअल फंड ने एक बार भी 8 से 10% रिटर्न नहीं दिया है जबकि उसके इंडेक्स ने 5% के आसपास बार ये रिटर्न दिए हैं।

अब आप 15 से 20% वाली रेंज में देखेंगे तो फिर इस दशा में भी एसबीआई हाइब्रिड इक्विटी फंड ने 45% बार इतने रिटर्न दिए हैं।

तो कुल मिलाकर के इस रिटर्न डिस्ट्रीब्यूशन और रोलिंग रिटर्न्स को देख करके यह पता चलता है कि एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड ने 12% से लेकर के 20% तक के बीच तकरीबन 80% बार रिटर्न दिया है।

आप चाहे तो रोलिंग रिटर्न्स के लिए कई सारे म्यूच्यूअल फंड को इस तरह से कंपैरिजन के लिए लगा सकते हैं और रिटर्न डिस्ट्रीब्यूशन को पता करके यह देख सकते हैं कि अपने रिटर्न के रेंज में वह म्यूच्यूअल फंड कितना कंसिस्टेंट रहा है।

एक्सआईआरआर क्या होता हैं | What is XIRR in Mutual Fund in Hindi?

XIRR का Full Form होता है Extended Internal rate of Return |

XIRR Meaning in Hindi – रिटर्न की विस्तारित आंतरिक दर |

यह बहुत खास प्रकार का रिटर्न होता है क्योंकि अगर आपका कैश फ्लो एक जैसा नहीं है यानि वह irregular है तो इस दशा में XIRR की मदद से आप रिटर्न को सही ढंग से कैलकुलेट कर सकते हैं।

यहां पर irregular cash flow से मतलब यह है कि किसी म्युचुअल फंड में आपने lump-sum निवेश ना करके SIP या SWP के माध्यम से निवेश किया या फिर आपने बीच-बीच में उसमें additional purchase की या फिर आपको डिविडेंड मिला तो इस दशा में जो भी कैश फ्लो होगा वह एक जैसा नहीं रहेगा और समय के साथ साथ घटता बढ़ता रहेगा |

अगर आपने कहीं lumpsum investment किया है तब रिटर्न निकालने के लिए CAGR बेहतरीन तरीका है मगर अलग-अलग समय पर Cash inflow ओर Cash outflow वाले इन्वेस्टमेंट (SIP/SWP/STP) के लिए XIRR का उपयोग किया जाता हैं।

इस प्रकार के एडवांस कैलकुलेशन को एक्सआईआरआर की मदद से कैलकुलेट किया जाता है और इसके लिए हमें एक्सेल का सहारा लेना पड़ता है।

चूँकि SIP या SWP टाइप के म्यूचुअल फंड में बहुत सारा ट्रांजैक्शन होता है तो इस कैलकुलेशन में हर एक समय में सारे ट्रांजैक्शन को पकड़कर के कुल रिटर्न निकालना पड़ता है और एक्सेल से यह काम मिनटों में हो जाता है।

XIRR Calculate कैसे करें?

वैसे तो बहुत सारे फाइनेंसियल वेबसाइट पर एक्सआईआरआर रिटर्न दिए रहते हैं पर फिर भी आप इसको एक्सेल की मदद से निकाल सकते हैं |

देखिए, XIRR कैलकुलेट करने के लिए यह फार्मूला आपको एक्सेल में डालना पड़ेगा यहां पर दिया हुआ है

XIRR Formula: XIRR(Cash Flow, Dates)

मैंने एक्सएल की स्क्रीनशॉट यहां पर डाली है आप इस फार्मूला को देख ही सकते हैं और यहां पर आप को समझाने के लिए जून 2022 से लेकर के 2023 तक का डाटा दिया हुआ है।

xirr returns

यहां पर यह समझना जरूरी है कि जो भी इन्वेस्टमेंट या खरीदी होगी उसे नेगेटिव में दिखाया जाता है और जितने भी redemptions होते हैं उसे इस एक्सेल में पॉजिटिव में दिखाया जाता है।

आप देख सकते हैं कि जो भी डाटा माइनस के साथ है वह परचेज है और पॉजिटिव डाटा रिडेंप्शन है और इसमें भी अलग-अलग फिगर्स दिए हुए हैं जो की काफी ज्यादा इरेगुलर है।

तो यहां पर एक्सेल ने अपने आप XIRR return calculate करके दे दिया है जो आ रहा है 12% |

तो देखा आपने अगर आपके पास में बहुत ही ज्यादा डायनेमिक इन्वेस्टमेंट है तो आप एक्स.आई.आर.आर की मदद से कैसे उसे बड़ी ही आसानी से निकाल सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि कितना एक्सआईआरआर बढ़िया होता है (How much XIRR is good)?

आमतौर पर यह माना जाता है कि अगर किसी भी इक्विटी म्युचुअल फंड का XIRR वैल्यू 12% से ऊपर का है तो वह अच्छा है और वही डेट म्यूचुअल फंड के लिए 7.5-8% से ऊपर का XIRR अच्छा माना जाता है।

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और अंत में…

तो यह थे पांच प्रकार के रिटर्न जो अक्सर म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में उपयोग किए जाते हैं (Types of returns in mutual funds) |

आपने जाना कि CAGR, XIRR, Absolute, Rolling और Trailing Returns क्या है?

म्यूच्यूअल फंड की परफॉर्मेंस को कैलकुलेट करने के लिए रोलिंग रिटर्न्स का उपयोग बेहतर है और SIP/SWP returns को निकालने के लिए एक XIRR बढ़िया है।

अगर आप lump sum निवेश पर रिटर्न्स निकालना चाहते हैं तब CAGR निकालना सही रहेगा |

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