Emergency Fund क्या होता है | जानें इमरजेंसी फंड कैसे बनाये?

एक Emergency Fund बनाना हम सबके लिए क्यों जरूरी है?

किसी इमरजेंसी या फिर आपातकालीन स्थिति के दौरान होने वाले अप्रत्याशित खर्चे ऐसे समय पर आ सकते हैं जब हमें उसकी उम्मीद बिल्कुल कम से कम रहती है।

इसीलिए ऐसी परिस्थिति से बचने और किसी भी आपातकाल के दौरान तैयार रहने के लिए एक emergency fund बनाना बहुत ही जरूरी होता है।

अगर आपके पास इमरजेंसी फंड मौजूद है तब आपको अपने अन्य बचत किये हुए पैसों को नहीं निकालना पड़ेगा और न ही कहीं से कुछ माँगना पड़ेगा |

इस कोरोना महामारी के बाद से अधिकतर लोग अपने जीवन और स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं और वह निवेश व् बचत पर ध्यान दे रहे हैं |

आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि इमरजेंसी फंड क्या होता है, कितना बड़ा होना चाहिए और इस फंड को बनाने के लिए और बचत करने के लिए आपको क्या-क्या चीजें चाहिए?

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Table of Contents

इमरजेंसी फण्ड क्या होता है | What is an Emergency Fund?

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यह एक ऐसा फंड होता है जिसे केवल इमरजेंसी यानी आपातकालीन आर्थिक परेशानियों के दौरान उपयोग किया जाता है।

अगर आपके पास पर्याप्त emergency fund है तब आपका परिवार सुखमय जीवन जी सकता है और आप भी बिना परेशानी के अपने जीवन के बाकी गोल की प्लानिंग कर सकते हैं |

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आमतौर पर हम लोगों को हर जरूरतें एक इमरजेंसी जैसी ही दिखाई देती है |

जैसे, उदाहरण के लिए होली या दीपावली पर होने वाले खर्चे भी एक प्रकार से इमरजेंसी ही माने जाते हैं पर इमरजेंसी फंड का यह पर्याय बिल्कुल भी नहीं है।

कोई इमरजेंसी या आपातकालीन स्थिति एक ऐसी घटना होती है जिसके बारे में आप पहले से पता नहीं लगा सकते हैं जैसे कि नौकरी का छूट जाना, कोई दुर्घटना, किसी की असमय मृत्यु, कोई बीमारी इत्यादि।

मान लें, जब कभी भी ऐसी विकट परिस्थितियां किसी के भी जीवन में आती हैं तो इमरजेंसी फंड ही उसका बहुत बड़ा सहारा होता है और इसकी वजह से वह व्यक्ति कर्ज के जाल से मुक्त रहता है |

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि अपने लिए पर्याप्त इमरजेंसी फंड बनाना किसी भी निवेशक का पहला गोल होना चाहिए, अपने आगे के निवेश की लिए शुरुआत करने से पहले।

यहां पर मैं आपको एक बात बताता चलूं कि आपने जो भी इंश्योरेंस लिया है चाहे वह हेल्थ हो या फिर टर्म इंश्योरेंस या फिर कोई और वह भी एक प्रकार से इमरजेंसी फंड के जैसा ही होता है जो किसी विशेष परिस्थितियों में काम आता है।

पर किसी की जिंदगी में कुछ ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं जैसे कि नौकरी का छूट जाना तो फिर ऐसी चीजें इंश्योरेंस में कवर नहीं होतीं और इसीलिए आपका एकमात्र सहारा emergency fund ही होता है।

आपातकालीन फंड कितना बड़ा होना चाहिए | How Big Exigency Fund Should be?

emergency fund - money

आईडियली, एक्सपोर्ट्स लोग कहते हैं कि आपके 3 से 6 महीने के जो भी खर्चे हैं उनको जोड़ करके आपको उतना अमाउंट एक इमरजेंसी फंड के लिए रखना चाहिए।

चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं |

मान लें किसी की सैलरी है ₹20000 प्रतिमाह।

उसके जो जरूरी खर्चे हैं वह हैं कुल ₹15,000 प्रतिमाह |

ध्यान दें जरूरी खर्चे हैं – मकान का किराया, बिजली, पानी या गैस का बिल, उसके दैनिक खर्चे जैसे कि साग-सब्जियां, राशन इत्यादि या फिर कुछ लोन इएमआई ।

यह सब खर्चा करके वह व्यक्ति प्रति माह ₹5000 की सेविंग भी कर लेता है।

एक्सपर्ट्स की माने और अगर 6 महीने के एक्सपेंसेस को हम लोग ले लें तो फिर इमरजेंसी फंड का कुल अमाउंट आता है –

15000 * 6 यानी कि ₹90,000।

पर मेरा यहां पर आपसे एक सवाल है कि क्या 6 महीने के खर्चों को एक emergency fund के तौर पर रखना सभी लोगों के लिए सही है या नहीं|

यहां पर मेरा मतलब यह है कि क्या इस स्टेटमेंट को हम लोग एक जनरलाइज्ड स्टेटमेंट मान सकते हैं कि अगर किसी को इमरजेंसी फंड बनाना है तो वह 3 से 6 महीनों के लिए ही बनाएं।

तो इसका उत्तर है नहीं, आप इस स्टेटमेंट को जनरलाइज नहीं कर सकते और यह हर व्यक्ति के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे।

इमरजेंसी फंड किस हिसाब से बनाना चाहिए | Emergency Fund Planning

देखिए ऐसा नहीं है कि अगर किसी ने तीन से छह महीनों के अपने खर्चों को जोड़ करके एक इमरजेंसी फंड बनाया है तो वह आपातकालीन स्थितियों को हैंडल नहीं कर सकता।

वह कर सकता है पर बहुत ही लिमिटेड तौर पर |

क्या हो अगर किसी की नौकरी अचानक छूट जाए या फिर किसी की असमय मृत्यु हो जाए या फिर कोई एक्सीडेंट हो जाए तो इस केस में अचानक ही काफी पैसे की जरूरत पड़ सकती हैं।

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आपके पास में लाइफ इंश्योरेंस टर्म इंश्योरेंस या फिर हेल्थ इंश्योरेंस भी हो तो भी आप एक इमरजेंसी फंड बनाना ना भूलें।

आप इस हिसाब से अपने लिए इमरजेंसी फण्ड की प्लानिंग करें |

3 – 6 महीने का कुल खर्चा :

तीन से छह महीनों के खर्चों को जोड़कर के इमरजेंसी फंड बनाने की प्लानिंग उनके लिए है जिनका जीवन में कोई भी लोन या फिर कोई बड़ी देनदारी यानि लायबिलिटी नहीं है।

12 – 15 महीने का कुल खर्चा :

ऐसे लोग जो हर महीने किसी लोन की ईएमआई भरते हैं उनके लिए बेहतर है कि वह 12 से 15 महीने के खर्चों को जोड़ने के अपना emergency fund बनाएं।

12 से 15 महीने का खर्चा + हर महीने की एमआई + 50% मेडिक्लेम अमाउंट

तीसरी कैटेगरी उनकी है जिनके पास में मेजर लायबिलिटी जैसे कि लोन तो है ही साथ ही साथ में उनके कुछ हेल्थ इश्यूज भी हैं ।

तो ऐसे लोगों को 12 से 15 महीने के अपने खर्चों के साथ साथ हर महीने की एमआई और 50% मेडिक्लेम अमाउंट को भी जोड़ना चाहिए।

अब आप यह देखें कि आप इन तीनों में से किस कैटेगरी में आते हैं और आपको कितना अमाउंट सेव करना चाहिए एक इमरजेंसी फंड बनाने के लिए।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि आपके इमरजेंसी फंड बन जाने के बाद भी उसमें थोड़ा बहुत कंट्रीब्यूशन चालू रहना चाहिए पूरी जिंदगी भर के लिए ।

इमरजेंसी फंड कहाँ बना सकते हैं |Where to Save for Emergency Fund?

Component% AllocationInterest Rate
Cash10%0%
Bank25%3.5-4%
Liquid MF65%4-5%

सबसे पहली बात यह है कि इमरजेंसी फंड लिक्विड रहना चाहिए यानी कि उसमें पर्याप्त तरलता रहनी चाहिए जिससे किसी भी वक्त आप उस फंड को निकाल के तुरंत उपयोग कर सके ।

उसके लिए आपको अपने सेविंग अकाउंट, कैश, लिक्विड म्युचुअल फंड या फिर पोस्ट ऑफिस स्कीम का सहारा लेना चाहिए।

ऐसा नहीं होना चाहिए कि इमरजेंसी फंड बनाने के लिए अपने स्टॉक मार्केट या म्यूचुअल फंड में निवेश कर दिया |

अगर जरूरत पड़ने पर मार्केट डाउन है तो फिर आपको या तो उसे लॉस में निकालना पड़ेगा या फिर आपको कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ेगा इसलिए ऐसा बिल्कुल भी ना करें।

हमेशा ध्यान रखें कि एक इमरजेंसी फंड बनाने के लिए रिटर्न उतने जरूरी नहीं है बल्कि सुरक्षा, लिक्विडिटी और आसान टैक्स नियम अधिक जरूरी हैं।

इमरजेंसी फंड बनाने के लिए आपको सबसे पहले तो थोड़ा बहुत कैश कंपोनेंट जरूर रखना चाहिए उसके लिए आप कुल अमाउंट का 10 % एलोकेट कर सकते हैं।

बैंक में सेविंग अकाउंट में आप 25% रखें और 65 परसेंट लिक्विड म्यूच्यूअल फण्ड में रख सकते हैं।

ध्यान दें यहां पर मैंने फिक्स्ड डिपॉजिट को नहीं लिया हुआ है क्योंकि अगर आप जरूरत पड़ने पर किसी भी फिक्स डिपाजिट को तोड़ते हैं तो उसमें से आपको कुछ चार्ज लग जाते हैं ।

इन्वेस्टमेंट

आम तौर पर देखा गया है कि एक इमरजेंसी फंड बनाने में 6 से 18 महीनों का समय लग सकता है जो निर्भर करता है आपकी देनदारी के ऊपर और आप कहाँ निवेश कर रहे हैं |

यहां पर आपको यह बताना चाहूंगा कि emergency fund बनाना आप का सबसे पहला गोल होना चाहिए और जितना भी समय लगे इसके लिए इन्वेस्ट करने में आपको सबसे पहले उसे देना ही चाहिए और उसके बाद ही बाकी चीजों की प्लानिंग की शुरुआत करनी चाहिए।

अब देखिए इसमें सबसे बड़ी प्रॉब्लम क्या आती है आम लोगों के लिए, जैसे हम अपना पहला ही उदाहरण ले लें।

हमने 6 महीनों के खर्चे को लेकर के इमरजेंसी फंड का अमाउंट निकाला था ₹90000 और वह व्यक्ति हर महीने कुल सेव कर सकता है ₹5000।

मान लें अगर उसने पूरे पूरे ₹5000 इमरजेंसी फंड बनाने के लिए डाले तो भी उसे लगेंगे लगभग 18 महीने यानी कि डेढ़ साल जो काफी बड़ा वक्त होता है और इसी डर से हम में से बहुत लोग इमरजेंसी फंड बनाने में विश्वास ही नहीं करते।

पर कोई बात नहीं आइये जानते हैं 5 बेहतरीन टिप्स जिसकी मदद से आप इमरजेंसी फंड के लिए बड़ी आसानी और तेजी से सेविंग कर सकते हैं।

इमरजेंसी फंड के लिए पैसे कैसे बचाएं | How to Save Money for Emergency Fund [5 Best Tips]

emergency fund saving

अगर आप अपने इमरजेंसी फंड के लिए बचत नहीं कर पा रहे हैं तब ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं ;

1. गैर जरूरी खर्चों को कम करें। Reduce Unwanted Expenses

इसका मतलब यह है कि अगर आप हर महीने 4 बार बाहर खाते हैं तो फिर केवल एक या दो बार ही खाएं या फिर कुछ समय के लिए उसे बंद कर दें।

जब भी घर का सामान लेने के लिए बाज़ार जाएं तो फिर बिना जरूरत का सामान ना लें और हमेशा एक शॉपिंग लिस्ट बना करके जाए और उसी के हिसाब से ही खरीदारी करें।

आप चाहे तो अधिकतर बार पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का भी उपयोग कर सकते हैं बजाय इसके कि आप अपनी गाड़ी हर जगह यूज़ करें।

आप ऑफिस जाने के लिए पूलिंग करके भी जा सकते हैं जिससे भी काफी खर्चों की बचत होती हैं।

तो कुल मिलाकर के मेरे कहने का मतलब यह है कि आप अपने गैर जरूरी खर्चों में कुछ कटौती करके हर महीने अधिक से अधिक अमाउंट इमरजेंसी फंड के लिए दे सकते हैं जिससे कि आपका इमरजेंसी फंड बनाने वाला गोल जल्द से जल्द पूरा हो सके।

2. अपने बजट और खर्चों को लगातार रिव्यू करते रहें। Review you Budget & Expenses

देखिए आपकी सैलरी तो फिक्स है पर आपके खर्चे फिक्स नहीं है और सैलरी में से जब खर्चों को घटाएंगे तो उतना अमाउंट ही आप सेव कर सकते हैं।

इसके लिए आपको खर्चों में ही कटौती करनी होगा और उसके लिए आप अपने बजट को हर सप्ताह रिव्यू कर सकते हैं और देख सकते हैं कि कहां-कहां पर कटौती करना संभव है।

3. अचानक मिलने वाले पैसों का उपयोग करें | Divert Additional Income

आप अचानक मिलने वाले पैसों को भी इमरजेंसी फंड में डाइवर्ट कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए आपको अचानक कोई टैक्स रिफंड मिला या फिर कोई बोनस या फिर कहीं से भी किसी की पुरानी उधारी वापस आई तो उन सब पैसों को आप खर्च ना करके इमरजेंसी फंड में सेव कर सकते हैं।

4. अधिकतम बचत करें | Save Maximum 

इमरजेंसी फंड बनाने के लिए आप अधिकतम बचत करें जिससे कि आप जल्द से जल्द अपने फंड को बना सकें।

इसके अलावा एक बहुत ही जरूरी चीज यह है कि आप समय-समय पर कोई भी जरूरत पड़ने पर इस आपातकालीन फंड से कुछ भी पैसा ना निकाले।

5. ऑटो में निवेश करें | Automate your Investments 

इमरजेंसी फंड को बनाने के लिए एक बेहतरीन विकल्प यह भी है कि आपके जो भी हर महीने का डिपाजिट है आप उसे ऑटोमेट कर दें |

इससे फायदा यह होगा कि आपको हर महीने मैनुअली जमा करने की परेशानी नहीं लेनी होगी।

इस काम के लिए आप ऑनलाइन बैंकिंग में दी हुई स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शंस का प्रयोग कर सकते हैं जिससे हर महीने एक तयं रकम आपके उस इमरजेंसी फंड अकाउंट में जमा होता जाएगा।

अगर आप हर महीने मैनुअली जमा करने का सोचेंगे तो फिर कई बार यह संभव नहीं होगा जिससे कि समय पर आपका इमरजेंसी फंड नहीं बन पाएगा।

आप इन तरीकों का उपयोग करके तेजी से अपना इमरजेंसी फंड बना सकते हैं।

आप में से किन किन निवेशकों के पास में अभी इमरजेंसी फंड बना हुआ है और कितने महीनों के लिए बना हुआ है यह आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।

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