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REIT vs InvIT Investment : कौन सा बेहतर है?

REIT vs InvIT Investment : क्या आप रियल स्टेट (real estate) या फिर बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं पर पैसे की कमी है ।

अगर मैं आपसे कहूं कि इन कमर्शियल रियल एस्टेट या फिर बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आपको लाखों या करोड़ों रुपए की जरूरत नहीं है और आपका काम महज कुछ सौ या हजार रुपये में ही चल जाएगा तो क्या आप यकीन करेंगे?

जी हां ! कुछ ऐसे ही एसेट क्लास हैं जो कम पूंजी वाले निवेशकों के लिए एक वरदान जैसे हैं और वह लोग कम पैसे में भी इनमें निवेश करके रेगुलर इनकम पा सकते हैं।

वह हैं – REITs यानी रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Real estate investment trusts) और InvIT  यानी इन्फ्राट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Infrastructure investment trusts)

आज के इस लेख में हम बात करेंगे REIT vs InvIT Investment के बारे  में, जानेंगे रीट और इनविट में क्या अंतर है और इन दोनों में से कौन सा आपके लिए बेहतर निवेश हैं।

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REIT vs InvIT :कौन सा निवेश है बेहतर?

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चलिए बात करते हैं कि REIT और InvIT में क्या क्या अंतर है जिससे कि आपको इनमें निवेश करने में सहायता मिल सके।

1. निवेश का आधार : REITs और InvITs अपना निवेश कहाँ करते हैं? 

बात करें रीट की तो इसका पूरा पूरा फोकस रियल स्टेट में होता है जैसे कि कमर्शियल बिल्डिंग, वेयर हाउस, अपार्टमेंट्स ऑफिस स्पेस, डाटा सेंटर, शॉपिंग मॉल, गोदाम इत्यादि।

इनविट की बात करें तो यह पूरी तरह से अपना इन्वेस्टमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसैट्स में करता है जैसे कि पावर ट्रांसमिशन लाइन, रोड, टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर प्रोजेक्ट, हाईवे, ब्रिज, इत्यादि।

अब आपकी पसंद है कि आप real estate में निवेश करना चाहते हैं या फिर infrastructure project में तो फिर इन दोनों की मदद से आप उसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।

2. निवेशकों को इन Assets की कितनी जानकारी है?

देखिए भारत में रियल स्टेट के बारे में सभी लोग जानकारी रखते ही हैं और उसमें अपने जीवन में कुछ न कुछ निवेश करते ही हैं ।

इसलिए अगर मैं REIT की बात करूं तो लोग इसके इन्वेस्टमेंट के तरीके को समझ सकते हैं क्योंकि अधिकतर लोग रियल स्टेट और उससे जुड़े हुए बिजनेस को समझते हैं।

वैसे भी यह जमीन जायदाद का बिजनेस ऐसा है जो हमेशा अपट्रेंड में ही रहता है और एक तरह से यह एक एवरग्रीन बिजनेस माना जाता है।

वहीं अगर बात करें InvIT की तो हो सकता है कि किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट की जानकारी निवेशक के पास में ना हो ।

उदाहरण के लिए मान लें किसी ने ऐसे इनविट में निवेश किया जिसके पास पावर प्रोजेक्ट और ट्रांसमिशन लाइन का प्रोजेक्ट है।

तो फिर हो सकता है कि उस निवेशक को पावर प्लांट की कार्यप्रणाली के बारे में ना पता हो इसी कारण वह यह नहीं समझ पाएगा की आखिर उसका निवेश कैसे और किस तरह से बढ़ेगा।

कुल मिलाकर के मेरा कहना यह है कि REIT में निवेश करना और उसके बारे में समझना InvIT के अपेक्षा सरल है।

3. REIT vs InvIT : कौन स्थिर रेगुलर इनकम देता है?

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देखें अगर आप रीट या इनविट के स्ट्रक्चर की बात करेंगे तो फिर दोनों में काफी समानताएं हैं।

रीट और इनविट में सरकार ने कह रखा है कि 80% वह लोग पूरे हो चुके और इनकम जनरेट करने वाले एसेट में ही निवेश करेंगे।

बाकी का बचा हुआ 20% वह लोग अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में निवेश कर सकते हैं।

साथ ही साथ एक यह भी नियम है दोनों के लिए कि जो भी रेवेन्यू यह लोग जनरेट करते हैं उनका 90% अपने शेरहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में देना पड़ता है।

देखिए यहां तक तो दोनों एक जैसे ही लग रहे हैं पर अगर बात करें रिवेन्यू जनरेशन में स्थिरता की तो फिर मेरे हिसाब से यहां पर REITs ही बाजी मारता है |

ऐसा इसलिए क्योंकि वह कमर्शियल रियल एस्टेट में निवेश करता है और उनके कॉन्ट्रैक्ट काफी लंबे होते हैं जिससे उनको एक रेगुलर रेंटल इनकम मिलती रहती हैं।

वहीं पर अगर बात करें Invits की तो वह भी स्टेबल इनकम देता है पर रीट से थोड़ा कम हो सकता है।

कई बार यह बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में ऑपरेशन से संबंधित कुछ परेशानियां आ जाती हैं या फिर टैरिफ की समस्या जाती है, कुछ प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं , तो इस तरह से उनकी इनकम में थोड़ी बहुत कमी आ सकती हैं।

अब जैसे मान ले कि आपने किसी ऐसे Invit में निवेश किया है जिसके पास हाईवे और रोड के प्रोजेक्ट हैं और वह टोल कलेक्शन से ही अपनी इनकम करता है।

हो सकता है की सरकार के आदेश से किसी रोड पर टोल खत्म कर दिया जाए या फिर कम कर दिया जाए तो उससे उस इनविट प्रोजेक्ट की कमाई पर असर पड़ेगा।

ऐसी सब परेशानियां रीट में नहीं होती हैं।

4. रीट और इनविट में रेगुलेटरी और पॉलीटिकल खतरे क्या-क्या हैं?

देखिए यहां भी अगर रेगुलेशन और राजनीतिक खतरों की बात करें तो भी रीट अधिक बेहतर है।

मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि अधिकतर प्रॉपर्टी जो होती है वह फ्रीहोल्ड होती है या फिर किसी गवर्नमेंट के द्वारा लीज पर दी गई होती है।

इसलिए इसमें राजनीतिक या फिर नियामक संबंधित जोखिम का खतरा कम रहता है।

एक बड़ा प्लस पॉइंट रीट में यह है कि अधिकतर उनके क्लाइंट्स बड़ी-बड़ी कंपनियां होती हैं और वह ऐसी ही प्रॉपर्टी लीज पर लेती हैं जिसमें कोई परेशानी ना हो।

इसके विपरीत अगर कोई बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जैसे कि कोई नया हाईवे, पावर प्रोजेक्ट या फिर कोई ट्रांसमिशन लाइन कहीं से गुजारना है तो फिर इसके लिए हो सकता है कि अप्रूवल मिलने में देरी हो जिससे कि वह प्रोजेक्ट थोड़ा सा delay हो जाए।

कई बार आपने ऐसा भी देखा होगा कि कोई बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पास तो हो गया लेकिन उसको एनवायरमेंटल क्लीयरेंस नहीं मिला या फिर कुछ संस्थाओं या फिर एनजीओ ने उसके खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया तो इस हिसाब से देखा जाए तो फिर Invit में खतरे अधिक हैं।

5. Property Ownership यानि संपत्ति का स्वामित्व किसमें बेहतर है?

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आपको पता ही है कि रियल स्टेट मैं किसी प्रॉपर्टी की वैल्यू समय के साथ साथ बढ़ती ही रहती है।

रीट में आप उस कमर्शियल रियल स्टेट के मालिक हो जाते हैं और समय के साथ-साथ आपको उस प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ने का फायदा भी मिलता रहता है।

इनविट के अंदर जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट आते हैं उनके कॉन्ट्रैक्ट लंबे तो होते हैं पर इतने भी लंबे नहीं होते जितने की रीट में होते हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का समय पूरा होने पर उसे अथॉरिटी को लौटा दिया जाता है और फिर नए प्रोजेक्ट की तलाश की जाती है।

वैसे भी बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में डेप्रिसिएशन यानी समय के साथ-साथ इसकी वैल्यू कम होती रहती है।

6. REIT vs InvIT Investment : किस में लिक्विडिटी अधिक है?

क्या आपको पता है कि जब पहले पहले REIT और InvIT लांच किए गए थे तो उनकी टिकट साइज काफी अधिक थी |

इसका मतलब उसमें काफी पैसा निवेश करना पड़ता था, पर अभी कुछ ही महीनों पहले SEBI ने रीट और इनविट में निवेश की सीमा को कम कर दिया है।

जहां पहले आपको रीट में अप्लाई करने के लिए कम से कम ₹50,000 और इनविट के लिए ₹100,000 की जरूरत होती थी वही अभी SEBI ने यह रेंज को घटाकर के ₹10,000 से ₹15,000 के बीच में कर दिया है।

अगर आप इन दोनों में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो भी लॉट साइज़ को घटा करके एक यूनिट कर दिया है जो कि काफी बढ़िया कदम है सेबी के द्वारा।

सेबी के इस कदम से रिटेल निवेशक रीट और इनवर्ट में निवेश करेंगे और ट्रेडिंग करेंगे जिससे कि लिक्विडिटी बढ़ेगी।

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स्रोत – मनीकंट्रोल

अब जैसे आप देख सकते हैं की एंबेसी ऑफिस पार्क रीट का ट्रेडिंग वॉल्यूम एनएससी पर 232758 है वहीं पर पावर ग्रिड इनविट का ट्रेडिंग वॉल्यूम 220418 है।

तो कुल मिलाकर के देखा जाए तो फिर ट्रेडिंग वॉल्यूम की कोई समस्या नहीं है और इन दोनों एसेट क्लासेज में भरपूर लिक्विडिटी मौजूद है।

7. क्या REITs या InvITs की मदद से विदेशी बाजारों में भी निवेश किया जा सकता है?

अगर आप विदेश में निवेश करना चाहते हैं तो फिर ग्लोबल रीट म्यूचुअल फंड के माध्यम से विदेशी रियल स्टेट में निवेश कर सकते हैं।

पर अगर आप यह सोच रहे हैं कि आप विदेश में स्थित कोई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में भी निवेश कर सकते हैं तो इनविट के माध्यम से तो यह अभी संभव नहीं है।

8. रीट और इनविट में से किसमें अधिक ग्रोथ होने की संभावना है?

growth chartदेखिए यहां भी मुझे लगता है कि रीट मैं ग्रोथ होने की संभावनाएं अधिक हैं।

ऐसा इसलिए हैं क्योंकि REIT समय के साथ साथ बाजार को देखते हुए अपने किराए को बढ़ा सकता है जिससे कि उनकी रेंटल इनकम बढ़ जाए।

इसके अलावा भी वह अपनी पुरानी प्रॉपर्टी को रीमॉडलिंग करके ऊंचे दाम पर बेच सकता है या फिर लीज पर दे सकता है।

InvITs चूंकि बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट होते हैं और उन्हें फायदा तब होगा जब वह प्रोजेक्ट के समय ही कम से कम बोली लगाकर इस प्रोजेक्ट को जीत लें।

REIT vs InvIT : कहाँ निवेश करें?

सबसे पहले तो मैं अपनी बात करूं तो फिर मैंने रीट में भी निवेश किया हुआ है और इनविट में भी ।

मेरे हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।

आप Reits या फिर InvITs में से किस में निवेश करेंगे यह निर्भर करेग आपके इन्वेस्टमेंट के ऑब्जेक्टिव पर और आप कितना जोखिम ले सकते हैं।

वैसे अगर आप लंबे समय में रेगुलर इनकम पाना चाहते हैं तो उसके लिए यह दोनों ही विकल्प खुले हुए हैं।

पर मेरे हिसाब से InvITs के अंदर पॉलिटिकल और रेगुलेटरी खतरे ज्यादा है इस हिसाब से REIT थोड़ा सा सुरक्षित है।

वैसे आप इन दोनों में से किसी में भी निवेश करें पर हर तिमाही में कंपनी की बैलेंस शीट उनके एसेट्स की जानकारी और कैश फ्लो जरूर देखें।

जैसा मैंने पहले बताया कि यह दोनों बिल्कुल म्यूचुअल फंड के जैसे ही ऑपरेट करते हैं पर इनकी कार्यप्रणाली म्यूच्यूअल फंड की अपेक्षा थोड़ी सी कठिन है |

इसलिए अगर आप REIT vs InvIT में निवेश करना चाहते हैं तो बेहतर हैं कि अपना रिसर्च करें या फिर अपने फाइनेंसियल एडवाइजर की राय जरूर लें ।

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