सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम क्या है | Sovereign Gold Bond in Hindi

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम सोने में डिजिटली निवेश करने की एक ऐसी योजना है जिसे भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा समय समय पर जारी किया जाता है |

आप इसे एक प्रकार का पेपर गोल्ड भी कह सकते हैं जो रखने में आम सोने से अधिक सुरक्षित और आसान है |

Sovereign Gold Bond scheme में आपको 2.5% का अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है, कैपिटल गेन्स टैक्स फ्री है और ऑनलाइन पेमेंट पर छूट भी मिलती है |

देखा जाए तो आरबीआई की स्वर्ण बांड योजना एक बढ़िया इन्वेस्टमेंट का तरीका है गोल्ड में एक्सपोजर लेने और अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए।

आज के लेख में हम बात करेंगे कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम क्या है और इसके क्या फायदे हैं, आप कैसे इसमें निवेश कर सकते हैं और इसके अलावा भी ढेर सारी जानकारियां जो इसमें इन्वेस्ट करने में मदद करेगी।

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम क्या है | What is Sovereign Gold Bond Scheme in Hindi?

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सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम जिसका शॉर्ट फॉर्म है SGB, भारत सरकार की एक स्कीम है जिसे आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा जारी किया जाता है।

इसे एक ऐसी गवर्नमेंट सिक्योरिटी कह सकते हैं जिसका मूल्यांकन या डिनॉमिनेशन पैसों में ना होकर के 1 ग्राम गोल्ड का होता है।

अब इसका मतलब है कि इस स्कीम में एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम सोने के बराबर होगी।

भारत में सदियों से सोना खरीदना और रखना सबसे बढ़िया इन्वेस्टमेंट माना जाता रहा है |

इसी कारण से यहाँ पर सोने का आयात बहुतायत में होता है जिससे देश के चालू खाते के घाटे (करंट अकाउंट डेफिसिट) पर असर पड़ता है |

इसीलिए Sovereign Gold Bond का मुख्य उद्देश्य सोने की फिजिकल मांग को कम करना है ताकि भारत के सोने के आयात को कम किया जा सके|

आपकी जानकारी के लिए सबसे पहली स्वर्ण बांड योजना सन 2015 में लांच की गयी थी और उस टाइम में एक यूनिट यानी 1 ग्राम सोने की कीमत थी ₹2684।

उदहारण के लिए अगर जून 2022 के स्कीम की बात करें तब उसकी कीमत प्रति ग्राम ₹5091 आंकी गयी थी |

तो देखा आपने 7 साल में 9.58% CAGR से ऊपर का रिटर्न, क्या बात है।

इसका मतलब यह है कि अगर किसी ने 2015 में इस गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट किया होता तो उसे काफी फायदा हुआ होता |

Upcoming Sovereign Gold Bond Scheme 2023-24

  • Scheme Name – Sovereign Gold Bond 2023-24 Series III
  • Open Date – 18 – 22 December 2023
  • Offline Price – Rs 6,199 per gram of gold 
  • Online Price – Rs 6,149 per gram of gold 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के फायदे | Benefits of RBI Gold Bonds

वैसे तो आप सोने में इन्वेस्टमेंट उसे फिजिकली खरीद कर कर सकते हैं या फिर गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड फंड के माध्यम से भी इन्वेस्ट कर सकते हैं।

पर SGB में इन्वेस्ट करने के कई फायदे हैं जिसके बारे में हम जानेंगे –

1. सबसे बड़ा फायदा यह है कि सॉवरेन गोल्ड बांड एक सुरक्षित निवेश है जिसका गवर्नमेंट बैकअप है।

2. अगर आप फिजिकल गोल्ड लेते हैं तब आपको उसको रखने के लिए लॉकर का सहारा लेना पड़ेगा जिसका कुछ चार्ज देना होगा और वह भी हर साल।

आरबीआई गोल्ड बॉन्ड्स में आपका पूरा हैंडलिंग और स्टोरेज चार्ज बच जाता है क्योंकि यह एक पेपर गोल्ड फॉर्मेट है।

3. सावरेन गोल्ड बांड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको सोने का बढ़ा हुआ दम तो मिलेगा ही साथ ही साथ में इंटरेस्ट भी मिलेगा अलग से ढाई परसेंट।

4. अब आपको सोने पर कोई मेकिंग चार्ज भी नहीं देना होगा और इसमें सोने की प्योरिटी भी 99.99% होती है।

5. गोल्ड बॉन्ड्स का एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि आप इन्हें डीमेट के फॉर्म में भी रख सकते हैं और यह स्टॉक एक्सचेंज पर भी ट्रेड होते रहते हैं।

6. यह एक टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट है क्योंकि गोल्ड बांड के मैच्योरिटी के समय जो नकद राशि मिलती है वह पूरी तरह कर मुक्त है । 

7. यह सोने का बांड GST के दायरे में नहीं आता है और आपको पता ही होगा कि फिजिकल गोल्ड पर 3% GST देना होता है |

8. इन बांड्स को गिरवी रख कर आप लोन भी ले सकते हैं |

सोने के बॉन्ड्स के एक यूनिट की कीमत कैसे निकली जाती है। How SGB Unit Price Calculated?

क्या आप जानते है कि इन बांड्स  में सोने की कीमत निकालने का तरीका क्या होता है?

आप देखते होंगे कि जब भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की स्कीम लॉन्च होती है तो उसमें प्रति ग्राम कुछ दाम डाला जाता है।

उदहारण के लिए जून 2022 में इसका इश्यू प्राइस 5091 रुपए/ग्राम पर तय किया गया है|

आइए जानते हैं कि सोने की कीमत को निकाला कैसे जाता है?

सावरेन गोल्ड बॉन्ड्स में प्रति ग्राम जो सोने का दाम होता है उसे इश्यू प्राइस कहा जाता है।

इश्यू प्राइस को निकालने के लिए बांड जारी करने के डेट के 3 दिन पहले का गोल्ड का एवरेज प्राइस निकाला जाता है और वही होता है फाइनल यूनिट का दाम।

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि गोल्ड 99.99% प्योरिटी वाला होता है जिसका दाम इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा पब्लिश किया जाता है।

उदाहरण के लिए जैसे जून 2022 में यह स्कीम 20-24 जून तक थी तब इसके एक यूनिट का दाम निकालने के लिए यह स्क्रीनशॉट देखें –

गोल्ड बांड
स्रोत – India Bullion and Jewellers Association Limited

अब 18-19 जून को छोड़ दें तब 15, 16, 17 जून को 99.99% प्योरिटी वाले सोने का 1ग्राम का क्लोजिंग प्राइस था – 5095.4, 5061.4 और 5116.9 रुपये |

तब लांच होने वाले गोल्ड बॉन्ड के एक यूनिट का दाम होगा

= (5095.4 + 5061.4 + 5116.9) / 3

= 5091.23 ~ 5091 रुपए प्रति यूनिट

स्वर्ण बांड योजना में ब्याज कितना मिलता है | Interest in Sovereign Gold Bond

ये ब्याज ही है जो सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम को अन्य गोल्ड इन्वेस्टमेंट स्कीम से अलग बनाती है |

इसमें आपको गोल्ड के दाम बढ़ने के अलावा 2.5% के रेट से हर साल इंटरेस्ट भी मिलता है।

अब आप पूछ सकते हैं कि आखिर यह ब्याज मिलता कैसे है।

यहां पर आपको जो भी ब्याज है वह हर 6 महीने पर दे दिया जाता है और अंतिम ब्याज आपके मूलधन यानी प्रिंसिपल अमाउंट के साथ आपके खाते में जमा करा दिया जाता है।

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम के मैच्योरिटी से जुड़ी कुछ जानकारी | SGB Maturity Information

सावरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी 8 साल की होती है इसका मतलब है कि 8 साल के बाद अपने आप पूरा पैसा आपके अकाउंट में चला जाएगा।

अब इसमें आपको क्या क्या मिलेगा सबसे पहला तो 2.5% ब्याज और साथ ही साथ में सोने की बढ़ी हुई वैल्यू।

वैसे तो एसजीबी की मैच्योरिटी 8 साल की है पर आप इसे कुछ समय पहले भी बेच सकते हैं |

सरकार के हिसाब से आप अपने खरीदने की तारीख से 5 /6 / 7 साल बाद इसे एनकैश करा सकते हैं अगर आपको लगता है कि आपको अभी पैसे की जरूरत है।

वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि यह स्वर्ण बांड मार्केट में भी ट्रेड होते हैं और अगर आपने इसे डीमैट फॉर्म में रखा है तब आप इसे कभी भी बेच सकते हैं।

आपको इन गोल्ड बॉन्ड्स को खरीदने के टाइम ही अपना बैंक अकाउंट नंबर देना होगा जिसमें मैच्योरिटी के बाद पूरा अमाउंट क्रेडिट कर दिया जाएगा।

स्वर्ण बांड योजना में कितना कुल निवेश किया जा सकता है | Maximum Investment Allowed in Sovereign Gold Bonds

आम निवेशक इसमें 1 ग्राम से लेकर अधिकतम 4 किलोग्राम तक इन्वेस्ट कर सकते हैं ।

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि बांड का डिनॉमिनेशन 1 ग्राम गोल्ड में होता है।

अगर कोई एचयूएफ (HUF) कैटेगरी यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली में आता है तो उसके लिए भी अपर लिमिट 4 किलो की ही है।

वहीं अगर आपका कोई ट्रस्ट या कोई इंस्टिट्यूशन है तो उसके लिए ऊपरी लिमिट 20 किलो तक की है।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि एक इन्वेस्टर या कोई ट्रस्ट हर फाइनेंशियल ईयर में 4 किलो या फिर 20 किलो तक का ही सोना खरीद सकता है।

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम भारतीय निवासियों के लिए हैं और कोई NRI इनमें इन्वेस्ट नहीं कर सकता है |

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कैसे करें | How to Invest in SGB (Online/Offline)?

Sovereign Gold Bonds

अगर आप सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तब आप इसे किसी भी लिस्टेड बैंक, पोस्ट ऑफिस या स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं।

इन्हें गवर्नमेंट अप्रूव्ड एजेंट्स के द्वारा भी बेचा जाता है और इसके अलावा आप सीधे अपने बैंक या डिमैट अकाउंट से ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

सावरेन गोल्ड बॉन्ड्स में निवेश करने के लिए सरकार आपको एक फायदा देती है कि अगर आपने पैसा पेमेंट करने के लिए डिजिटल मोड यानी ऑनलाइन या यूपीआई चुना है तब आपको प्रति ग्राम ₹50 का डिस्काउंट भी मिलता है।

ध्यान दें कि सोने के इन बांड्स में निवेश करने के लिए आपके पास बैंक खाता होना जरूरी है |

जैसा मैंने आपको पहले ही बता दिया था कि गोल्ड बॉन्ड लिस्टेड एक्सचेंज यानी एनएससी या फिर भी ऐसी पर भी ट्रेड होते हैं और आप चाहे तो इन्हें डीमैट फॉर्म में भी रख सकते हैं।

अगर आप की डेट मिस हो गई है गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने की या फिर स्कीम खत्म हो गई है तो उसके बाद भी आप इन्हें सेकेंडरी मार्केट से खरीद सकते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बांड स्कोर आप किसी दूसरे को ट्रांसफर कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर इसे गिरवी रखकर लोन भी लिया जा सकता है।

गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर टैक्स कितना लगता है | Taxation in RBI Gold Bonds

सबसे पहले तो यह जान लें कि आपको जो भी 2.5% का इंटरेस्ट मिलता है वह आपके टैक्स ब्रैकेट के हिसाब से ही टैक्सेबल होता है।

पर खुशी की बात यह है कि जो भी गोल्ड पर अप्रिशिएसन (सोने का बढ़ा दाम) मैच्योरिटी के टाइम पर आपको मिलता है वह पूरा पूरा टैक्स फ्री होता है, है ना बढ़िया बात।

अब यहां पर एक केस बनता है की मान ले आपने 3 साल से पहले ही इसे सेकेंडरी मार्केट में इसे बेच दिया |

तब आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गैंस लगेगा जिसमें आप को होने वाले प्रॉफिट पर अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से ही टैक्स देना होगा।

वहीं अगर आपने इन गोल्ड बॉन्ड्स को 3 साल के बाद पर 8 साल से पहले बेचा तब आपको इंडेक्सेशन के साथ में 20% का टैक्स देना होगा।

अगर आपने इसे 8 साल तक होल्ड कर लिया तो फिर मैच्योरिटी तो पूरा टैक्स फ्री है ही।

क्या सॉवरेन गोल्ड बांड में निवेश करना चाहिए | Should You Invest in RBI Gold Bonds?

मेरे हिसाब से अगर आपके पास में एकमुश्त पैसा है और आपको लम-सम (lumpsum) इन्वेस्ट करना है तो आप डायवर्सिफिकेशन के लिए SBG में इन्वेस्ट कर सकते हैं |

पर यहाँ आपको यह मानकर चलना होगा कि आपका निवेश का नजरिया लंबा है जिससे आपको टैक्स का फायदा हो सके।

सोने के भाव हर 5 से 8 सालों में बढ़ ही जाते हैं इसलिए हो सकता है आपको अपने इन्वेस्टमेंट पर बढ़िया रिटर्न्स मिल जाए।

अब बात करेंगे उन लोगों की जो बड़ा अमाउंट एक साथ इन्वेस्ट नहीं कर सकते और वह एसआईपी के माध्यम से सोने में निवेश करना चाहते हैं।

एसआईपी के माध्यम से आप गोल्ड म्युचुअल फंड या ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं पर इसमें आपको 2.5% का ब्याज का फायदा नहीं मिलेगा।

अगर मैं अपनी बात करूं तो मैं खुद SIP के माध्यम से गोल्ड ईटीएफ में इन्वेस्ट करता हूं।

ऐसे निवेशक जो ट्रेडिंग करना चाते हैं उनको एसजीबी में निवेश करने से बचना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण उन्हें सही एग्जिट प्राइस न मिले |

इसके अलावा अगर कोई निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले बेचता है तो फिर उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।

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