Support & Resistance क्या है | Trading में इनका Use कैसे करें?

आपने Support & Resistance के बारे में जरूर सुना होगा अगर आप शेयर बाजार में सक्रिय हैं |

क्या आपने कभी सोचा है कि  क्यों कोई स्टॉक एक ही प्राइस पॉइंट पर जाकर बार-बार नीचे आ जाता है या फिर क्यों कोई शेयर एक ही दाम से नीचे नहीं जाता है और वहीं से बाउंसबैक होता है।

यह कमाल है स्टॉक के सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस का।

यह सपोर्ट और रेजिस्टेंस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और इसकी मदद से आप किसी भी स्टॉक में entry और exit पॉइंट निकाल सकते हैं।

इसका मतलब है कि आप यह पता कर सकते हैं कि आपको किसी स्टॉक को कब खरीदना है और कब बेचना है।

तो technical analysis for beginners के इस भाग में हम जानेंगे कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस क्या होता है, कैसे पता किया जाता है और इसकी मदद से आप कैसे बेहतरीन ट्रेड ले सकते हैं।

सपोर्ट और रेजिस्टेंस | Support & Resistance in Hindi?

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Technical analysis में support का मतलब होता है सहारा देना और resistance का मतलब है बाधा उत्पन्न करना |

अब आपका अगला प्रश्न होना चाहिए कि भाई यह सपोर्ट और रेजिस्टेंस यानी सहारा देने और बाधा उत्पन्न करने वाले पॉइंट्स आखिर है क्या।

तो यह समझ ले कि किसी स्टॉक के Support & Resistance ऐसे points या बिंदु है जहां पर अधिकतम खरीदी या बिकवाली होती है।

अगर आपको थोड़ा कंफ्यूजन हो रहा है तो इसे इस तरह से समझें –

स्टॉक के सपोर्ट पर खरीदने वाले बेचने वालों से अधिक हो जाते हैं और यहां से स्टॉक के ऊपर जाने की संभावना बढ़ जाती है।

ठीक इसका उल्टा रेजिस्टेंस पर बेचने वाले खरीदने वालों से अधिक हो जाते हैं और इस तरीके से स्टॉक में गिरावट की संभावना बढ़ती चली जाती है।

पर जैसा मैंने पहले के लेख में बताया था कि यह केवल एक assumption यानि मान्यता है क्योंकि टेक्निकल एनालिसिस में ऐसा मानते हैं कि इतिहास खुद को दोहराता है।

यह तो आप जानते ही होंगे कि किसी शेयर को खरीदना आसान है पर बेचना बहुत ही मुश्किल होता है।

इसके भी अपने कई भावनात्मक कारण है जिसके बारे में आप देख सकते हैं मेरी स्टॉक मार्केट की गलतियाँ (stock market mistakes) वाला लेख।

चलिए अगर मैं आपसे कहूं कि भाई आप काफी हद तक किसी स्टॉक का बेस्ट एंट्री और एग्जिट पॉइंट को निकाल सकते हैं तब।

मैंने यहां काफी हद तक कहा इसका मतलब यह है कि टेक्निकल एनालिसिस में approximation यानी संभावनाएं ही चलती है जो अधिकतर बार सटीक भी होती हैं ।

पर हां अगर आप यहां पर 100% की उम्मीद लगा कर बैठे हैं तो यह तो सही नहीं होगा।

आपको अपना टारगेट पता करने के लिए सपोर्ट और रेजिस्टेंस को निकालना आना चाहिए।

सपोर्ट क्या होता है | What is Support?

किसी भी स्टॉक का सपोर्ट कुछ ऐसा है जो उसके दाम को नीचे से सहारा दिए जा रहा है कि भाई गिरना मत यहां से।

पर ऐसा नहीं है कि हर बार सपोर्ट से स्टॉक प्राइस ऊपर ही चला जाएगा इस बात का ध्यान रखें।

Support भी multiple यानी कई होते हैं कुछ major और कुछ minor और जैसे ही minor support टूट जाता है तब उसके नीचे का major support तलाशा जाता है।

वैसे अधिकतर बार देखा गया है कि सपोर्ट पर price action बढ़ने लगता है और जहां गिरावट हो रही थी वह थोड़ा थम जाती हैं।

फिर इस पॉइंट पर धीरे-धीरे खरीददार लौटने लगते हैं और अगर buyers sellers से अधिक हो जाते हैं तब उस शेयर का दाम ऊपर जाने लगता है।

पर ऐसा होता क्यों है और आपको क्या लगता है कि खरीददार क्यों अचानक आसमान से प्रकट हो जाते हैं।

देखिए किसी स्टॉक में करेक्शन कुछ कारणों से होता है (मैं यहां पर ऑपरेटर वाले पेनी स्टॉक की बात नहीं कर रहा) जैसे रिजल्ट खराब आया या वैल्यूएशन अधिक हो गया या फिर ऐसा ही कुछ और ।

कारण कोई भी हो ये जान लें कि स्टॉक हर समय अपने वैल्यूएशन को सही करता रहता है चाहे गिर करके या फिर चाहे बढ़कर।

अब इस सपोर्ट पॉइंट पर यह माना जाता है कि इस स्टॉक का वैल्यूएशन ठीक हो रहा है और अब एंट्री की गुंजाइश बन रही है।

Support का प्रैक्टिकल उदहारण 

technical analysis support & resistance

चलिए अब एक प्रैक्टिकल चार्ट देखें जो है SBI का।

ये काली रेखा देखें जो एक प्राइस पॉइंट दिखाती है 445 का।

इसका मतलब जब करंट मार्केट प्राइस (CMP) है 451 और स्टॉक लगातार 545 से टूट रहा है तब 445 के आसपास एक support zone बन रहा है।

यह आप तीन जगह नीले तीर देख सकते हैं वह समय-समय पर आने वाले सपोर्ट पॉइंट हैं जिन्हें मिलाकर ही सपोर्ट की लाइन बनाई जाती है।

स्टॉक मार्केट demand यानि मांग और supply यानी आपूर्ति का खेल है|

जब भी support आता है तब सारी सप्लाई डिमांड में बदलने लगती है और स्टॉक के ऊपर जाने की संभावना बढ़ जाती है।

जब भी मार्केट गिरता है तब आपको उस स्टॉक का पहला दूसरा और तीसरा सपोर्ट तलाशना चाहिए और उसी के हिसाब से ही ट्रेड लेना चाहिए।

आप ऐसा ना करें कि जैसे ही मार्केट गिरा तो घबरा कर सब कुछ बेच करके निकल लें ।

यहां पर ध्यान दें कि किसी स्टॉक का सपोर्ट हमेशा उसके करंट मार्केट प्राइस (CMP) से नीचे होता है।

रेजिस्टेंस क्या होता है | What is Resistance?

जिस प्रकार से सपोर्ट किसी स्टॉक के प्राइस को नीचे जाने से रोकता है वैसे ही रजिस्टेंस शेयर के दाम को ऊपर जाने से रोकता है।

Resistance point आने पर बाधाएं उत्पन्न होने लगती है और यहाँ पर अचानक से बहुत सारे बेचने वाले यानि सेलर आने लगते हैं और स्टॉक की डिमांड कम होती जाती हैं।

यहां पर आप समझ ही रहे होंगे कि जैसे ही बेचने वाले अधिक हो जाते हैं तो उस स्टॉक की ओवर सप्लाई हो जाती है ।

तब इससे क्या होता है?

इसका मतलब है कि supply यानी आपूर्ति अधिक है और मांग कम है और इस तरह से शेयर का दाम गिरने लगता है।

पर जैसे हर support से share price ऊपर नहीं जाता है वैसे ही हर resistance से हर बार प्राइस नीचे नहीं जाता।

इस बात का ख्याल रखें|

अगर किसी स्टॉक में पॉजिटिव न्यूज़ है, रिजल्ट अच्छा है, वैल्यूएशन कम है या ऐसा ही कुछ है तब वह हर रेजिस्टेंस को तोड़ कर निकलता जाएगा कोई और नया 52-week हाई का रेजिस्टेंस बनाने।

देखिए जब भी मार्केट rising trend में होता है और अगर आप short term trade लिए हैं तब इन resistance points को देखते रहे क्योंकि यह रेजिस्टेंस पॉइंट ही अगले selling trigger बन सकते हैं।

किसी स्टॉक का रेजिस्टेंस हमेशा उसके current market price (CMP) से अधिक ही होता है।

Resistance का प्रैक्टिकल उदहारण 

stock market chart resistance

आइए इस बात को एक प्रैक्टिकल उदहारण से समझते हैं उसी SBI के चार्ट से जो हमने पहले देखा था।

आप यहां पर देख सकते हैं कि यहाँ रजिस्टेंस आ रहा है 465 का और पहले 3 बार इसी जगह से प्राइस रिवर्स हुआ है (देखें नीला तीर)।

मैं आपको बताऊंगा कि कैसे आप बड़ी ही आसानी से यह support & resistance पता कर सकते हैं और अपनी ट्रेड ले सकते हैं पर उससे पहले प्राइस एक्शन किसे कहते हैं उसके बारे में जान लीजिए।

Price Action क्या होता है?

हर एक चार्ट में प्राइस एक्शन को देखना ही सबसे जरूरी काम है अगर आपको support & resistance निकालना है तब।

तो price action के नाम में ही उसका काम छिपा हुआ है जो ट्रेडर को यह बताता है कि पहले इस जगह पर स्टॉक ने कैसा परफॉर्म किया था और इसी को देख कर ही भविष्य की चाल निर्धारित की जाती है।

प्राइस एक्शन के ज़ोन पर किसी स्टॉक का प्राइस कुछ ऐसा बर्ताव करेगा:-

  • या तो वह किसी पॉइंट पर आकर consolidate करेगा मतलब कोई मूवमेंट नहीं होगा। थोड़ा ऊपर या फिर थोड़ा सा नीचे बस एक रेंज में ही कारोबार करता रहेगा।
  • दूसरा है शार्प रिवर्सल मतलब किसी प्राइस पॉइंट पर आकर बिना कंसोलिडेट हुए वह या तो तेजी से ऊपर जाएगा या फिर नीचे।

आइए अब हम इसी प्राइस एक्शन का एक उदाहरण लेते हैं और जानते हैं कि कैसे आप किसी स्टॉक का सपोर्ट और रजिस्टेंस निकाल सकते हैं।

Support & Resistance Best Practices

यह है कुछ बेस्ट प्रैक्टिस जिसे आप फॉलो कर सकते हैं:-

अगर आप शॉर्ट टर्म ट्रेड ले रहे हैं तब 1 से 3 महीने का चार्ट देखें वहीँ मीडियम टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए 3 से 6 महीने और लॉन्ग टर्म के लिए 6 से 12 महीने का चार्ट देखें।

मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए आप डेली के अलावा वीकली और मंथली चार्ट भी देख सकते हैं जिससे बिना जरूरत वाले डेटा पॉइंट छट जाएंगे।

अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो फिर आपको ढेर सारे डेटा पॉइंट मिलेंगे जिससे कन्फ्यूजन बढ़ जाएगा।

अब यह नीचे चार्ट देखें जहां पर हम प्राइस एक्शन जोन को पता करेंगे।

stock charts

आपका यहां पर यह टारगेट होना चाहिए कम से कम तीन price action zone को पता करना।

इससे अधिक हो तब और भी अच्छा है पर कम से कम तीन तो होना ही चाहिए और इससे कम नहीं होना चाहिए।

अब आप ऊपर काले गोले देखें-

यह तीन प्राइस एक्शन जोन है जहां स्टॉक प्राइस बढ़ने के बाद कंसोलिडेशन हुआ फिर उस प्राइस पॉइंट पर टिक नहीं पाया और नीचे आ गया।

इसी तरह से आप नीले चौकोर वाला बॉक्स देखें जो बताता है सपोर्ट के प्राइस एक्शन को।

इसके बाद यह तीर देखें जो बता रहा है शार्प रिवर्सल वाले प्राइस एक्शन जोन को।

आप देख सकते हैं कि इन पॉइंट्स से प्राइस बिना कंसोलिडेट हुए तेजी से ऊपर गया है या नीचे आया है।

अब जब आपने तीन या उससे अधिक प्राइस एक्शन जोन को पता कर लिया तब कम से कम तीन पॉइंट को मिलाते हुए एक रेखा बना लें | 

कुछ ऐसे:-

support and resistance

यहां पर जो price action point है वह अगर थोड़ी थोड़ी दूरी पर है तब आपका price prediction और सटीक होगा।

एक बात और है कि आपने देखा कि चार्ट पर ढेर सारे प्राइस एक्शन जोन हो सकते हैं पर आपको तीन या इससे अधिक पॉइंट को ही मिलाते हुए एक सीधी लाइन बनानी है।

तो उम्मीद करता हूँ कि अब आपको चार्ट पर किसी स्टॉक का support & resistance बनाने आ गया होगा |

Support & Resistance की मदद से कैसे Basic Trade ले सकते हैं?

अब आइए जानते हैं कि सपोर्ट और रेजिस्टेंस की मदद से आप बेसिक ट्रेड कैसे ले सकते हैं?

तो ऊपर के उदहारण में आपने SBI के चार्ट में निकाला रजिस्टेंस 465 और सपोर्ट 445 का और स्टॉक अभी ट्रेड कर रहा है 451.7 पर।

stock market charts

तो आपका स्ट्रेटजी होना चाहिए 451 पर खरीदें, स्टॉप लॉस लगाएं सपोर्ट के थोड़ा नीचे मतलब 442 या 443 का।

अब ऐसा इसलिए है क्योंकि अक्सर स्टॉक का प्राइस बिल्कुल सपोर्ट पर वापस आकर रिवर्स हो जाता है तो अगर आप हर बार अपने स्टॉप लॉस को सपोर्ट पर ही लगाएंगे तो हो सकता है आपका स्टॉप लॉस हिट हो जाए।

अगर आप टेक्निकल एनालिसिस में नए है और सोच रहे हैं कि यह स्टॉपलॉस क्या होता है और कैसे निकाला जाता है तो इसके लिए हमारा यह लेख पढ़ें – स्टॉप लॉस क्या होता है?

तो स्टॉप लॉस लगाने के बाद आप का टारगेट होना चाहिए रेजिस्टेंस पर यानी 465।

तो यह बहुत ही बेसिक ट्रेडिंग सेटअप हुआ और आपको केवल सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखते हुए ही ट्रेड नहीं लेना है इस बात का ध्यान रखें।

यहां पर आपको चाहिए कंफर्मेशन जो आपके ट्रेड को और भी मजबूत करें।

Trade Confirmation जरूर लें 

जैसे सपोर्ट और रेजिस्टेंस तो एक कंफर्मेशन हो गया उसके अलावा कोई अगला कंफर्मेशन भी ले सकते हैं जैसे सपोर्ट पर ही ड्रैगनफ्लाई डोजी कैंडल का बनना जो यह निर्धारित करेगा कि इस स्टॉक में तेजी आ सकती हैं।

आप कोई और कंफर्मेशन भी ले सकते हैं जैसे स्टॉक अपने सपोर्ट पर हैं और उसका रिजल्ट अच्छा आया है या कोई बढ़िया समाचार मिल जाता है तो फिर वहां से रिवर्सल की संभावना हो सकती हैं।

अब जैसे मान लें आपको कोई ट्रेड लेना है और बाजार बढ़ रहा है तभी वह रेजिस्टेंस को हिट करता है तो क्या आप ट्रेड लेंगे और शार्ट सेलिंग करेंगे?

जी नहीं, इसके लिए पहले आपको कंफर्मेशन लेना होगा जैसे मैंने ऊपर बताया।

support and resistance trading

जैसे एसबीआई के इसी चार्ट पर रजिस्टेंस के पास ऊपर एक doji candle बनता है जो ट्रेंड रिवर्सल का संकेत देता है, यह है पहला कंफर्मेशन।

फिर अगले दिन जैसे ही एक रेड कैंडल और बनता है, मतलब खेल खत्म, आपका शॉर्ट सेल कंफर्म किया जाता है।

और अंत में…

टेक्निकल एनालिसिस में सपोर्ट और रेजिस्टेंस ऐसे पॉइंट्स हैं जिनकी मदद से ट्रेडर्स किसी भी ट्रेड का एंट्री और एग्जिट निकाल सकते हैं |

आपने इस लेख में जाना कि सपोर्ट एक ऐसा लेवल है जहाँ पर खरीददारी का दबाव बिक्री से अधिक हो जाता है और इससे शेयर का दाम बढ़ने की संभावना रहती है |

वहीँ रेजिस्टेंस ऐसा लेवल है जहाँ पर बिक्री का दबाव खरीददारी से अधिक हो जाता है और इससे शेयर का दाम नीचे गिरने की संभावना रहती है |

पर यहाँ एक बात ध्यान देने लायक है कि आप केवल support & resistance के दम पर ही ट्रेड न लें बल्कि अन्य कन्फर्मेशन भी जरूर देखें |

आप हमने कमेंट कर के बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा और आप टेक्निकल एनालिसिस में और क्या जानकारी चाहते हैं?

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